प्रियंका ने BJP और SP पर साधा निशाना - दोनों को पसंद है ध्रुवीकरण, UP को अलग तरह की राजनीति चाहिए
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘पाकिस्तान, जिन्ना और 80 प्रतिशत बनाम 20 प्रतिशत’ जैसे विषयों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच चल रहे वाकयुद्ध के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को इन दोनों दलों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि दोनों को ध्रुवीकरण पसंद है, क्योंकि इसके जरिये वे अपने वोट के आधार को मजबूत बनाते हैं।
04:54 AM Jan 26, 2022 IST | Shera Rajput
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘पाकिस्तान, जिन्ना और 80 प्रतिशत बनाम 20 प्रतिशत’ जैसे विषयों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच चल रहे वाकयुद्ध के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को इन दोनों दलों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि दोनों को ध्रुवीकरण पसंद है, क्योंकि इसके जरिये वे अपने वोट के आधार को मजबूत बनाते हैं।
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लोगों को दूसरी तरह की ऐसी राजनीति का विकल्प देने की जरूरत – प्रियंका
उन्होंने दिए गए साक्षात्कार में यह भी कहा कि इस विभाजनकारी बयानबाजी से सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को होने की संभावना है और ऐसे में लोगों को दूसरी तरह की ऐसी राजनीति का विकल्प देने की जरूरत है, जो समाज को धर्म और जाति के आधार पर न बांटती हो।
पश्चिमी हिस्से में विधानसभा चुनाव के नतीजे तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा – प्रियंका
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प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों (निरस्त हो चुके) और लखीमपुर खीरी की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों को लेकर सरकार का ‘उदासीन’ और ‘शत्रुतापूर्ण’ रवैया उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में विधानसभा चुनाव के नतीजे तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राजनीति और चुनावी ताकत बनती हैं तो वो हमारे देश की राजनीति को बदल सकती हैं – वाड्रा
उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद और गठबंधन की परिस्थिति पैदा होने पर कांग्रेस इस बारे में विचार करेगी। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से महिलाओं को केंद्र में रखे जाने का उल्लेख करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा महिलाएं अपने महत्व और शक्ति को पहचानते हुए राजनीति और चुनावी ताकत बनती हैं तो वो हमारे देश की राजनीति को बदल सकती हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या कृषि कानूनों और लखीमपुर खीरी की घटना का असर उत्तर प्रदेश के चुनाव पर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि अलग- अलग राजनीतिक दल अलग- अलग मुद्दे उठा रहे हैं, इनमें से कुछ विभाजनकारी मुद्दे हैं जिनका मकसद पूरी बहस को धर्म या जाति के इर्द-गिर्द केंद्रित करने का है।
चुनाव विकास-रोजगार, नौकरियों के सृजन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा के मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए – प्रियंका
उनके मुताबिक, ‘‘यह उत्तर प्रदेश में राजनीति की हकीकत है कि चुनाव इस तरह लड़े जाते हैं और अक्सर जीते जाते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि इसे बदलने की जरूरत है। चुनाव विकास–रोजगार, नौकरियों के सृजन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा के मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए। यह हमारी चर्चा के केंद्र बिंदु होने चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सकारात्मक और प्रगतिशील एजेंडे पर काम कर रही है तथा वह किसी नकारात्मक विमर्श का हिस्सा नहीं है।
भाजपा और सपा दोनों को पसंद है ध्रुवीकरण – वाड्रा
प्रियंका गांधी ने कहा कि कृषि कानून और लखीमपुर खीरी की घटना पूरे प्रदेश, खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए ‘बहुत ही ज्यादा पीड़ा’ की वजह रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ध्रुवीकरण की राजनीति का कैसे मुकाबला करेगी तो प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘ध्रुवीकरण करने वाली ताकत चाहे भाजपा की हों या समाजवादी पार्टी की हों, इसका मकसद एक होता है, जो दोनों को भाता है। वह मकसद इनके वोट के आधार को मजबूत करने का है।’’
उन्होंने सपा पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘आखिरकार, मुझे यह लगता है कि इस ध्रुवीकरण की सबसे बड़ी लाभार्थी भाजपा ही हो सकती है। भाजपा को रोकने के लिए आपको एक ऐसी पार्टी की जरूरत है जो ध्रुवीकरण का एक और हिस्सा बनने के बजाय विमर्श को बदले।’’
विकास के एजेंडे पर ही फिर से ध्यान केंद्रित किया जाए- कांग्रेस महासचिव
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस तरह की राजनीति का जवाब यही है कि विकास के एजेंडे पर ही फिर से ध्यान केंद्रित किया जाए।
उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘80 प्रतिशत बनाम 20 प्रतिशत’ वाले बयान को लेकर हाल ही में खूब चर्चा हुई है तथा सपा प्रमुख अखिलेश यादव की जिन्ना वाली एक टिप्पणी को लेकर भाजपा ने उन्हें घेरा है।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार शासन करना नहीं जानती – प्रियंका
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार शासन करना नहीं जानती।
उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझाना होगा कि उनकी पीड़ा की वजह अच्छे शासन का अभाव है और प्रभावी शासन का मतलब ‘इवेंट मैनेजमेंट’ नहीं है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि लोगों को यह दिखना पड़ेगा कि विकल्प है और एक अलग तरह की राजनीतिक भी संभव है। उनका यह भी कहना है कि महिलाओं को एक पृथक राजनीतिक इकाई के तौर पर मतदान करना होगा और महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देना जैसे कांग्रेस के कदम इसी दिशा में एक शुरुआत है।
पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को और सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान सात मार्च को होगा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सात चरणों में होगा। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को और सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान सात मार्च को होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। उसमें सपा को 403 सदस्यीय विधानसभा में 47 और कांग्रेस को सिर्फ सात सीटें मिली थीं। भाजपा ने 300 से अधिक सीटें हासिल करके बड़ी जीत दर्ज की थी।
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