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प्रियंका की उम्मीदवारी ने असमंजस में डाला

05:29 AM Jun 22, 2024 IST | Shivam Kumar Jha

वायनाड लोकसभा उपचुनाव में एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की उम्मीदवारी ने केरल में कांग्रेस पार्टी के सामान्य कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर दिया है। इस फैसले ने जाहिर तौर पर इंडिया गठबंधन के सदस्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और भाजपा को उनके खिलाफ मजबूत और प्रभावशाली उम्मीदवारों को मैदान में उतारने को लेकर असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।

सीपीआई और बीजेपी, दोनों ने संकेत दिया है कि वे अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। हालांकि, एनी राजा, जिन्होंने पहले राहुल गांधी के खिलाफ इस सीट से चुनाव लड़ा था, ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी पर निर्णय पार्टी के पास रहेगा। सीपीआई के वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​है कि पार्टी को एक स्थानीय नेता को मैदान में उतारना चाहिए, जो क्षेत्र और लोगों से अच्छी तरह परिचित होने के कारण बेहतर समर्थन हासिल कर सके। दूसरी ओर, बीजेपी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वायनाड उपचुनाव के लिए कोझिकोड से सुरेंद्रन को मैदान में उतारा जाए या किसी वरिष्ठ नेता को। 2024 में बीजेपी ने अपना वोट शेयर 62,000 से ज्यादा वोटों से बढ़ाया है। राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट बरकरार रखने का निर्णय लेने के बाद इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था, जिसे उन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में वायनाड के साथ जीता था।

अब गिरिराज बोले देवेश की भाषा
जनता दल-यूनाइटेड के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के खुले तौर पर यह कहने के बाद कि वह मुस्लिम या यादव समुदायों की ओर से मदद के किसी अनुरोध पर विचार नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने सीतामढ़ी लोकसभा चुनाव में उन्हें वोट नहीं दिया था, अब केंद्रीय मंत्री और बेगुसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने ठाकुर का समर्थन करते हुए कहा कि मुसलमानों ने उन्हें भी वोट नहीं दिया। गिरिराज ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म को कमजोर करने के लिए उच्च स्तर पर साजिश रची गई है। गिरिराज की इस टिप्पणी को लेकर बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद ने उनकी जोरदार आलोचना की। अहमद ने कहा, उन लोगों के बारे में बात करने का क्या मतलब है, जो संविधान की भावना के खिलाफ हैं? वे ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जो हमारे संविधान के अनुकूल नहीं है।

अजित शिंदे के लिए बड़ी चुनौती
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के इस दावे के बाद कि एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राकांपा के 18 से 19 विधायक राज्य विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र के बाद उनके पक्ष में आ जाएंगे। शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में आठ सीटें जीती थीं, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा केवल एक सीट हासिल कर सकी थी। पार्टी वर्तमान में भाजपा के साथ गठबंधन में है और सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा है।

नतीजों ने यह चर्चा भी तेज कर दी है कि कुछ नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टियों में वापसी की योजना बना रहे हैं। विधानमंडल का मानसून सत्र 27 जून को शुरू होगा और 12 जुलाई को समाप्त होगा। राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने से पहले यह आखिरी सत्र होगा। दूसरी ओर, तीन महा विकास अघाड़ी पार्टियों ने पहले ही आगामी चुनाव एक साथ लड़ने के अपने इरादे की घोषणा कर दी है।

आठ राज्यों में प्रदर्शन की समीक्षा करेगी कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान आठ राज्यों में अपने कमजोर प्रदर्शन की समीक्षा के लिए फैक्ट फाइंडिंग (तथ्य-खोज) पैनल बनाए हैं। 8 जून को आयोजित सीडब्ल्यूसी की बैठक में पार्टी ने चर्चा के बाद निर्णय लिया कि वह उन राज्यों में परिणामों की गहन जांच करेगी, जहां पार्टी का प्रदर्शन औसत से नीचे था।

खराब प्रदर्शन के बाद समीक्षा किए जाने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, जहां कांग्रेस सभी 29 सीटें हार गई, छत्तीसगढ़ जहां पार्टी ने 11 सीटों में से सिर्फ एक सीट जीती, ओडिशा जहां उसने फिर से 21 सीटों में से केवल एक सीट जीती, कर्नाटक जहां उसने 28 में से 9 सीटें जीती, तेलंगाना जहां उसने 17 में से आठ सीटें जीतीं व दिल्ली, जहां पार्टी को सात सीटों में से कोई सीट नहीं मिली, के अलावा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं, जहां उसे एक भी सीट नहीं मिली।

मध्य प्रदेश के लिए समिति की अध्यक्षता महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण करेंगे। समिति में सांसद सप्तगिरी शंकर उलाका और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी भी शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ पैनल में कर्नाटक के पूर्व सीएम वीरप्पा मोइली और राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी शामिल होंगे। ओडिशा के लिए इसमें सांसद अजय माकन और सांसद तारिक अनवर होंगे। दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल के लिए इसमें वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल होंगे। कर्नाटक के लिए इसमें पूर्व सांसद मधुसूदन मिस्त्री, सांसद गौरव गोगोई और वरिष्ठ नेता हिबी ईडन होंगे। तेलंगाना के लिए, इसमें पूर्व राज्यसभा उपाध्यक्ष पी जे कुरियन, वरिष्ठ नेता रकीबुल हुसैन और परगट सिंह होंगे।

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