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राफेल सौदे की जांच फ्रांस में हो गयी है आरम्भ : राजीव रंजन प्रसाद

जद(यू) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि राफेल सौदे की जाँच फ्रांस में आरम्भ हो गयी है। जाँच के दायरे में निवर्तमान राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, वर्तमान राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रॉन, जो सौदे पर हस्ताक्षर के समय वित्त मंत्री थे और कई मंत्री समेत अनेक प्रभावशाली व्यक्तियों की भूमिका की जाँच, फ्रांस में इस सौदे की जाँच के लिए नियुक्त एक जज द्वारा हो रही है।

06:07 PM Oct 18, 2022 IST | Ujjwal Jain

जद(यू) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि राफेल सौदे की जाँच फ्रांस में आरम्भ हो गयी है। जाँच के दायरे में निवर्तमान राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, वर्तमान राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रॉन, जो सौदे पर हस्ताक्षर के समय वित्त मंत्री थे और कई मंत्री समेत अनेक प्रभावशाली व्यक्तियों की भूमिका की जाँच, फ्रांस में इस सौदे की जाँच के लिए नियुक्त एक जज द्वारा हो रही है।

पटना,(पंजाब केसरी): जद(यू) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि राफेल सौदे की जाँच फ्रांस में आरम्भ हो गयी है। जाँच के दायरे में निवर्तमान राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद,  वर्तमान राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रॉन, जो सौदे पर हस्ताक्षर  के  समय वित्त मंत्री थे और कई मंत्री समेत अनेक प्रभावशाली व्यक्तियों की भूमिका की जाँच, फ्रांस में इस सौदे की जाँच के लिए नियुक्त एक जज द्वारा हो रही है। फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विसेज की  फाइनेंसियल  क्राइम ब्रांच ने कहा है कि इस सौदे को लेकर लगाए गए भ्रष्टाचार और  पक्षपात के आरोपों की जाँच की  जाएगी। 
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यह कदम इसलिए उठाया गया है कि फ्रेंच एन जी ओ शेरपा ने 7.8 बिलियन यूरो के इस राफेल  फाइटर जेट के सौदे के इस मामले में 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे पूर्व में एक बार खारिज किये  जाने  के  बाद पुनः फ्रेंच मिडिया के दबाब में इसकी जाँच आरम्भ हो गयी है।उन्होंने कहा है कि इस पीएमओ की दखलदांजी को लेकर भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तत्कालीन उप सचिव एस के शर्मा ने एक नोट के जरिये मंत्रालय का एतराज जताया था। मंत्रालय का मानना था कि रक्षा सौदों में पीएमओ की सामानांतर वार्ता  से रक्षा मंत्रालय को दर निर्धारण समझौते में कठिनाइयाँ होंगी। इस आशंका को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं। क्योंकि 36 राफेल जेट्स का यह सौदा बाद में पूर्व से कई गुनी राशि 58 हजार करोड़ रूपए में संपन्न हुआ था।
श्री प्रसाद ने कहा है कि अनिल अम्बानी वाले रिलॉयन्स को डस्सॉल्ट द्वारा भारत में अपना ऑफसुट पार्टनर किसके दबाब में बनाया गया, इसका खुलासा भी होना चाहिए |उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टोलेरेंस का दावा करने वाले मोदी सरकार के लिए यह सौदा गले की फांस बन चूका है।उन्होंने मांग कि है कि यदि उनका दामन दागदार नहीं है तो अविलम्ब पी एम मोदी इस सौदे की निष्पक्ष जाँच का आदेश दें।
श्री प्रसाद ने मंगलवार को पटना स्थित महिला आईटीआई के निकट जद(यू) सदस्यता अभियान को सम्बोधित करते हुए उक्त बातें कही।उक्त अवसर पर, राजेंद्र यादव, नागेंद्र कुमार, एजाज अहमद, आम्ब्रोस पैट्रिक, अभिषेक पैट्रिक, माधुरी शर्मा, इम्तियाज अहमद, वरुण कुमार सिंह, अवधेश सिंह, उदय यादव, शोभा देवी, नौशाद खान, कंचनमाला चौधरी, माधुरी पटेल, खुशबु कुमारी, सुनीता बिन्द, सुरैया अख्तर, वंदना सिन्हा, अफरोज आलम, सद्दाम, रिज़वान, आफ़ताब, पिंटू यादव, मोनी, अशोक ठीकेदार, सरोज देवी, गुड़िया देवी, पियूष श्रीवास्तव, सुधीर पासवान, अरुण सिंह,       पंकज प्रणव सिन्हा, प्रसून श्रीवास्तव, विक्रम यादव, एस के लोरेंस, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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