PAN 2.0 से बाहर हुई प्रोटियन, दो दिन में 30% शेयर लुढ़के
प्रोटियन के शेयर में भारी गिरावट, PAN 2.0 से निष्कासन
प्रोटियन ई-गवर्नेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को सरकार के PAN 2.0 प्रोजेक्ट से बाहर किए जाने के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। दो दिनों में 30% की कमी ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। अब सवाल यह है कि क्या यह गिरावट कंपनी के भविष्य पर स्थायी प्रभाव डालेगी या सिर्फ एक अस्थायी प्रतिक्रिया है।
पैन कार्ड प्रोसेसिंग की प्रमुख कंपनी प्रोटियन ई-गवर्नेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को सरकार के महत्वाकांक्षी PAN 2.0 प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया गया है। इस खबर के बाद बीते दो दिनों में कंपनी के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखी गई। 19 मई को कंपनी के शेयरों में 20% की गिरावट के साथ लोअर सर्किट लगा और 1,143 रुपये पर बंद हुए। इसके अगले दिन यानी 20 मई को शेयर और गिरे और लगभग 9% की गिरावट के साथ 1,048 रुपये तक पहुंच गए। कुल मिलाकर दो दिन में 30% की गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पैन 2.0 के लिए मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर चुनने के उद्देश्य से बोलियां मंगाई थीं, लेकिन प्रोटियन को सिलेक्शन की अगली प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। सवाल उठ रहा है कि क्या ये गिरावट कंपनी के कारोबार पर स्थायी असर डालेगी या केवल एक तात्कालिक प्रतिक्रिया है।
PAN 2.0 से बाहर, निवेशकों को बड़ा झटका
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने PAN 2.0 प्रोजेक्ट के लिए टेक्नोलॉजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे थे। इस प्रोजेक्ट के तहत पैन कार्ड सिस्टम को और डिजिटल और सिक्योर बनाया जाना है, जिसमें QR कोड जैसी नई टेक्नोलॉजी शामिल होगी। प्रोटियन भी इस टेंडर प्रक्रिया में शामिल थी, लेकिन उसे RFP के अगले चरण के लिए नहीं चुना गया। बाजार में यह खबर फैलते ही कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट आ गई। निवेशकों को यह डर सताने लगा कि सरकार से सबसे बड़े प्रोजेक्ट के बाहर होने से प्रोटियन के भविष्य पर असर पड़ सकता है।
कंपनी का दावा: कारोबार पर तात्कालिक असर नहीं
प्रोटियन ने एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से सूचित किया गया है कि उन्हें सिलेक्शन की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया कि PAN 2.0 का यह प्रोजेक्ट उसके मौजूदा व्यवसाय, यानी पैन प्रोसेसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ा नहीं है। मैनेजमेंट ने 19 मई की कॉन्फ्रेंस कॉल में यह भी कहा कि कंपनी की मौजूदा सेवाएं यथावत जारी रहेंगी और फिलहाल किसी राजस्व नुकसान की आशंका नहीं है।
प्रोटियन का अतीत और वर्तमान
1995 में स्थापित इस कंपनी को पहले NSDL ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह भारत में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) और ई-गवर्नेंस सॉल्यूशंस की एक प्रमुख कंपनी है। प्रोटियन पैन कार्ड, नेशनल पेंशन स्कीम, अटल पेंशन योजना जैसी सेवाओं में तकनीकी भागीदारी निभाती है। इसके अलावा डिजिटल आइडेंटिटी, वित्तीय समावेशन और ONDC जैसे क्षेत्रों में भी कंपनी की उपस्थिति है। PAN 2.0 प्रोजेक्ट में हार झेलने के बावजूद, कंपनी के पास अभी भी मजबूत सेवा पोर्टफोलियो है।
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क्या है PAN 2.0 और क्यों है यह खास
PAN 2.0 सरकार की एक डिजिटल पहल है जिसका उद्देश्य मौजूदा पैन कार्ड सिस्टम को और सुरक्षित और आधुनिक बनाना है। इस नए सिस्टम में क्यूआर कोड, एडवांस वेरिफिकेशन फीचर और डिजिटल ऑथेंटिकेशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होगा। यह न केवल पहचान की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि फर्जीवाड़े को रोकने में भी मदद करेगा। मौजूदा पैन कार्डधारकों को भी इस प्रणाली के तहत अपडेट के लिए आवेदन करना पड़ सकता है। ऐसे में यह प्रोजेक्ट न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक असर भी बड़ा हो सकता है।