टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

नारेबाजी से आर्थिक नीतियों को दिशा नहीं दी जा सकती : जेटली

जेटली ने आर्थिक नीतियों पर चर्चा को ठोस तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर करने पर जोर देते हुये कहा लोकलुभावन वादों से आर्थिक नीतियों को दिशा नहीं दी जा सकती है।

11:53 AM Nov 17, 2018 IST | Desk Team

जेटली ने आर्थिक नीतियों पर चर्चा को ठोस तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर करने पर जोर देते हुये कहा लोकलुभावन वादों से आर्थिक नीतियों को दिशा नहीं दी जा सकती है।

मुंबई : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को आर्थिक नीतियों पर चर्चा को ठोस तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर करने पर जोर देते हुये कहा कि नारेबाजी और लोकलुभावन वादों से आर्थिक नीतियों को दिशा नहीं दी जा सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र की चर्चा और नीतियों को केवल नारों और लोकलुभावन वादों से निर्देशित नहीं किया जा सकता।

Advertisement

यह चर्चा आंकड़ों के विश्लेषण के साथ ठोस तथ्यों और आकलन पर आधारित होनी चाहिये। जेटली वीडियो लिंक के जरिये एक पुरस्कार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन एक समाचार पोर्टल मनीकंट्रोल ने आयोजित किया। जेटली की ओर से यह टिप्पणी रिजर्व बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल की अहम बैठक से दो दिन पहले की गई है। कुछ नीतियों को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।

सरकार और रिजर्व बैंक बोर्ड में उसके प्रतिनिधि चाहते हैं कि रिजर्व बैंक छोटे उद्यमियों की परेशानी पर ध्यान दे, त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के तहत आये बैंकों की शर्त को उदार बनाये तथा परेशानी से जूझ रहे गैर बैंकिंग संस्थानों को राहत पहुंचाये। समझा जाता है कि रिजर्व बैंक इसका विरोध करता रहा है।

वित्त मंत्री ने माना कि देश में नीतियों को लेकर चर्चा का स्तर काफी कमजोर है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में नीतियों और खासकर आर्थिक क्षेत्र की नीतियों के मामले में चर्चा के सतर में सुधार लाया जाये इसके लिये राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किया जाना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा, कि इन दिनों और भविष्य में भी संपत्ति सृजन एक चुनौती बना रहेगा। जेटली ने इस बात पर खेद जताया कि एक समय था जब हम उत्पादकता बढ़ाने के बजाय केवल नारों और विकल्प पर ध्यान दे रहे थे।

भारत में उच्च आर्थिक वृद्धि से ही दूर होगी गरीबी : जेटली

Advertisement
Next Article