Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन जारी, अमेरिका ने जताई गहरी चिंता

11:37 AM Aug 07, 2024 IST | Yogita Tyagi

अमेरिका ने बांग्लादेश में धार्मिक और राजनीतिक समूहों के सदस्यों पर जारी हमले सहित सभी प्रकार की हिंसा पर गहरी चिंता जताई है। उसने कहा है कि देश की नयी सरकार के लिए इस तरह की सभी घटनाओं की विश्वसनीय जांच कराना और पीड़ितों को इंसाफ दिलाना महत्वपूर्ण होगा। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा, “हम बांग्लादेश में हिंसा को लेकर लगातार आ रही खबरों से बेहद चिंतित हैं, जिसमें धार्मिक और राजनीतिक समूहों के सदस्यों को निशाना बनाकर किए गए हमले भी शामिल हैं। हम पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ हिंसा की खबरों को लेकर भी समान रूप से चिंतित हैं।” प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा, “हम सभी पक्षों से तनाव में कमी लाने और शांति बहाल करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। यह बदला लेने या जवाबी कार्रवाई करने का समय नहीं है।” उन्होंने कहा, “बांग्लादेश के लोगों के दोस्त और साझेदार के रूप में, अमेरिका देश की लोकतांत्रिक अभिलाषाओं का समर्थन करना तथा सभी के लिए मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देना जारी रखेगा।”

हम बांग्लादेश पर बहुत करीब से नजर रख रहे- US



बांग्लादेश विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ कई हफ्तों से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच, पिछले 15 साल से सत्ता में रहीं शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के कारण अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। इस आरक्षण प्रणाली के तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए 30 फीसदी नौकरियां आरक्षित की गई थीं। सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे ने अपनी दैनिक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा, “हम बांग्लादेश के हालात पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं। हम लंबे समय से बांग्लादेश में लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान करते आए हैं। हम देश में लोकतांत्रिक एवं समावेशी रूप से अंतरिम सरकार के गठन का आग्रह करते हैं।” जीन-पियरे ने कहा, “बांग्लादेशी सेना ने जो संयम दिखाया है, हम उसकी सराहना करते हैं। हम सभी पक्षों से हिंसा से बचने और जल्द से जल्द शांति बहाल करने का आह्वान करते हैं।” उन्होंने कहा, “हम बीते सप्ताहांत और पिछले कुछ हफ्तों में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने और घायल होने संबंधी खबरों पर गहरी चिंता एवं दुख व्यक्त करते हैं। हम उन लोगों के प्रति गहरी संवेदना जताते हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है और जो हिंसा का दंश झेल रहे हैं।”

ये हमले दिल दहला देने वाले- HAF



जीन-पियरे ने कहा, “नयी सरकार के लिए सभी हमलों की सावधानीपूर्वक और विश्वसनीय तरीके से जांच कराना तथा पीड़ितों को इंसाफ दिलाना व जवाबदेही तय करना बेहद अहम होगा।” इस बीच, हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने कहा कि पूरे बांग्लादेश से हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटनाओं की खबरें आई हैं। उसने एक बयान में कहा, “हालांकि, अभी यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा में धार्मिक अल्पसंख्यकों को किस हद तक निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन तस्वीर बेहद चिंताजनक है।” HAF की नीति अनुसंधान निदेशक अनीता जोशी ने कहा, “ये हमले दिल दहला देने वाले हैं, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि हसीना सरकार के गिरने से पहले भी बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में हिंदू आबादी को कई वर्षों से निशाना बनाया जा रहा था और परेशान किया जा रहा था।” उन्होंने कहा, “बांग्लादेश की सेना एक अंतरिम सरकार बनाने जा रही है, इसलिए हम स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सैन्य नेतृत्व से अशांति की इस घड़ी में देश के सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, उनके घरों, व्यापार और इबादत स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं।”

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Advertisement
Next Article