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रविदास मंदिर ध्वस्त करने को लेकर विरोध प्रदर्शन, CM अमरिंदर की PM मोदी से हस्तक्षेप की मांग

उच्चतम न्यायालय के कथित निर्देश पर नयी दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर के कथित ध्वस्तीकरण को लेकर रविदास समुदाय द्वारा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच अमरिंदर सिंह ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले को शांत कराने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।

05:31 PM Aug 11, 2019 IST | Shera Rajput

उच्चतम न्यायालय के कथित निर्देश पर नयी दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर के कथित ध्वस्तीकरण को लेकर रविदास समुदाय द्वारा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच अमरिंदर सिंह ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले को शांत कराने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।

उच्चतम न्यायालय के कथित निर्देश पर नयी दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर के कथित ध्वस्तीकरण को लेकर रविदास समुदाय द्वारा राज्यव्यापी विरोध..प्रदर्शन के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले को शांत कराने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की। 
सिंह ने प्रधानमंत्री से यह अपील इसलिए की क्योंकि गुरु रविदास जयंती समरोह समिति के बैनर तले प्रदर्शन करने वाले समुदाय के सदस्यों ने 13 अगस्त को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। समुदाय के सदस्यों ने साथ ही नयी दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र स्थित मंदिर के ध्वस्तीकरण के खिलाफ स्वतंत्रता दिवस को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने का भी आह्वान किया है। 
मुख्यमंत्री ने विरोध प्रदर्शनों को संज्ञान में लेते हुए रविवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह धार्मिक ढांचों और ऐतिहासिक महत्व की संरचनाओं को ध्वस्त करने के पक्ष में नहीं हैं जिससे किसी समुदाय की भावनाएं जुड़ी हों। 
मंदिर के ध्वस्तीकरण की खबरों के बीच दलितों ने शनिवार को पंजाब में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। 
मुख्यमंत्री सिंह ने समुदाय के सदस्यों से अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ इस मामले को सुलझाने के लिए पूरा समर्थन देने को तैयार है। 
सिंह ने इसके साथ ही मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भूमि के पुन: आवंटन की खातिर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की। जमीन कथित तौर पर दिल्ली विकास प्राधिकरण की है। 
किंवदंती के अनुसार जिस पवित्र स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया था, वहां गुरु रविदास सिकंदर लोधी के शासनकाल में 1509 के आसपास आये थे। 
सिंह ने समुदाय को इस मामले के हल और उसी स्थान पर मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सभी तरह की कानूनी और वित्तीय मदद का वादा किया। उन्होंने इसके साथ ही समुदाय के धार्मिक और राजनीतिक प्रतिनिधियों से मुलाकात करने और केंद्र के साथ इस मुद्दे के हल के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। 
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