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उल्टी गंगा बहाने चले पब्लिक हेल्थ के अधिकारी

नारनौल: शहर के विभिन्न स्थानों पर जमा होने वाले बरसाती पानी की निकासी के लिए पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने 209 लाख रुपये की एक योजना बनाई है। जिसके तहत इन स्थानों का पानी बड़े 24 इंच के पाइपों के माध्यम से शहर के बड़े नालों में डाला जाएगा। मगर यह योजना शुरू होने से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है। जिस प्रकार विभाग ने पानी निकालने के लिए रास्ते चुने हंै, वह बिल्कुल ही बहाव के विपरीत हंै। वहीं निकासी के रास्तों में ऊंचाई ज्यादा है। ऐसे में यह कहना भी ठीक रहेगा कि विभाग ने पानी निकालने के लिए उल्टी गंगा बहाने का प्रयास कर रहा है।

08:06 AM May 11, 2017 IST | Desk Team

नारनौल: शहर के विभिन्न स्थानों पर जमा होने वाले बरसाती पानी की निकासी के लिए पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने 209 लाख रुपये की एक योजना बनाई है। जिसके तहत इन स्थानों का पानी बड़े 24 इंच के पाइपों के माध्यम से शहर के बड़े नालों में डाला जाएगा। मगर यह योजना शुरू होने से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है। जिस प्रकार विभाग ने पानी निकालने के लिए रास्ते चुने हंै, वह बिल्कुल ही बहाव के विपरीत हंै। वहीं निकासी के रास्तों में ऊंचाई ज्यादा है। ऐसे में यह कहना भी ठीक रहेगा कि विभाग ने पानी निकालने के लिए उल्टी गंगा बहाने का प्रयास कर रहा है।

नारनौल: शहर के विभिन्न स्थानों पर जमा होने वाले बरसाती पानी की निकासी के लिए पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने 209 लाख रुपये की एक योजना बनाई है। जिसके तहत इन स्थानों का पानी बड़े 24 इंच के पाइपों के माध्यम से शहर के बड़े नालों में डाला जाएगा। मगर यह योजना शुरू होने से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है। जिस प्रकार विभाग ने पानी निकालने के लिए रास्ते चुने हंै, वह बिल्कुल ही बहाव के विपरीत हंै। वहीं निकासी के रास्तों में ऊंचाई ज्यादा है। ऐसे में यह कहना भी ठीक रहेगा कि विभाग ने पानी निकालने के लिए उल्टी गंगा बहाने का प्रयास कर रहा है।

ऐसे में लोगों को लग रहा है कि विभाग कहीं बरसाती पानी निकालने के चक्कर में 209 लाख रुपए पानी में न बहा दें। बारिश के मौसम में शहर में अनेक जगहों पर बरसाती पानी जमा हो जाता है। जहां पर पानी कई बार दो से तीन दिन तक भी खड़ा रहता है। जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है। इस बरसाती पानी को निकालने के लिए कई बार लोग अधिकारियों से मिल चुके हैं। जिसके बाद अधिकारियों ने इसका जिम्मा जनस्वास्थ्य विभाग को दिया।

जनस्वास्थ्य विभाग ने इन जगहों की जांच कर शहर से बरसाती पानी निकालने की एक योजना बनाई। जिसके तहत 209 लाख रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान रखा गया। योजना उच्च अधिकारियों के पास भेजी गई तथा इसे मंजूर भी कर लिया गया। अब विभाग ने एक एजेंसी को इसके निर्माण के लिए टेंडर छोड़ा है। जिसके बाद पाइप डलने का कार्य शुरू हो चुका है। जब विभिन्न स्थानों पर पाइप डले तो लोगों को योजना की भनक लगी तथा इसका चौतरफा विरोध होने लगा।

-महेश कुमार

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