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Pune Porsche Case: आरोपी की रिहाई के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी महाराष्ट्र पुलिस

04:14 PM Jul 01, 2024 IST | Pannelal Gupta

Pune Porsche Case: पुणे पोर्श एक्सीडेंट का बहुचर्चित मामला अब सुप्रीम कोर्ट जाने वाला है। बॉम्बे हाई कोर्ट के नाबालिग आरोपी को रिहा करने के फैसले को पुणे पुलिस सर्वोच्च अदालत में चुनौती देगी। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है।

Highlights

Pune Porsche Case में दोषी को किया गया रिहा

बीते 25 जून को बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे पोर्श मामले(Pune Porsche Case) में दोषी को बाल सुधार गृह से रिहा करने का आदेश दिया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिक आरोपी को कैद में रखना गैरकानूनी माना था। कोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले को पलटते हुए आरोपी को तत्काल रिहा करने का फैसला सुनाया था। अब इस मामले को लेकर पुणे पुलिस सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) का रुख करने जा रही है। जानकारी के मुताबिक पुणे पुलिस ने 26 जून को राज्य सरकार के पास इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे शिंदे सरकार ने स्वीकार कर लिया है।

क्या है पुणे पोर्श मामला

गौरतलब है कि, 19 मई को पुणे में पोर्श(Pune Porsche Case) कार सवार नाबालिग युवक ने दो लोगों को कुचल दिया था। नाबालिग पर आरोप है कि उसने बाइक को जोरदार टक्कर मारी, जिसकी वजह से एक युवक और युवती की मौत हो गई। युवक एक बड़े कारोबारी का बेटा है, उस पर नशे की हालत में कार चलाने का आरोप है।

पुलिस ने आरोपी से सड़क सुरक्षा पर लिखवाए निबंध

हैरानी तो तब हुई जब पुलिस ने आरोपी से सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा। दुर्घटना के कुछ ही घंटों के बाद आरोपी को पुलिस स्टेशन से छोड़ दिया गया था। इसको लेकर लोगों में भयंकर आक्रोश था। लोगों के भारी विरोध के बाद पुणे पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 22 मई को आरोपी को हिरासत में लेने का आदेश दिया और उसे निगरानी गृह में भेज दिया। इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने 25 जून को आरोपी को बाल सुधार गृह से रिहा करने का आदेश दे दिया।

(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )

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