Punjab: सुखबीर सिंह बादल पर हमले की तमाम नेताओं ने की निंदा, कार्रवाई की मांग
शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए हमले की विभिन्न राजनीतिक दलों ने एक सुर में निंदा की है और हमलावर को कड़ी सजा देने की मांग की है।
Punjab: शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए हमले की विभिन्न राजनीतिक दलों ने एक सुर में निंदा की है और हमलावर को कड़ी सजा देने की मांग की है। रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि उनकी जान बच गई क्योंकि वह भगवान के दर पर थे। यह अकाल तख्त की कृपा थी, जिसने उनकी रक्षा की। कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस की प्रशंसा पर कहा कि सीएम भगवंत मान केवल अपनी सरकार की प्रशंसा कर सकते हैं, वह और क्या कहेंगे? हरिमंदिर साहिब की घटना, जहां बाहर गोलियां चलाई गईं, पुलिस की अक्षमता को उजागर करता है।
कांग्रेस ने पंजाब सरकार का किया घेराव
कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है और पंजाब की आप सरकार इसमें 100 प्रतिशत विफल रही है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक्स पोस्ट पर लिखा, हम श्री दरबार साहिब परिसर के अंदर सुखबीर सिंह बादल पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं। राहत की बात यह है कि उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है। पंजाब आतंक का एक और काला युग बर्दाश्त नहीं कर सकता। शांति को बाधित करने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ हम सतर्क रहें। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य की आप सरकार में कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन हमारी पंजाब पुलिस ने इसे नाकाम कर दिया। आरोपी व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
सुखबीर सिंह बादल पर गोली से हमला
पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि आज की घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है। हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें किसी को नुकसान पहुंचाना चाहिए। यह निंदनीय है कि ऐसी घटना उस स्थान पर हुई जिसे हम पवित्र मानते हैं। पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों का लंबा इतिहास रखने वाले नारायण सिंह चौरा ने बुधवार को सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई, हालांकि गोली उन्हें लगी नहीं। यह घटना उस समय हुई जब व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल मंदिर में गार्ड की ड्यूटी पर तैनात थे।