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Punjab: अमृतपाल सिंह के सहयोगी पपलप्रीत सिंह को अजनाला कोर्ट में पेश किया गया

NSA के तहत हुई थी पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी

11:48 AM Apr 11, 2025 IST | Himanshu Negi

NSA के तहत हुई थी पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी पपलप्रीत सिंह को अजनाला कोर्ट में पेश किया। पपलप्रीत को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से शिफ्ट कर लाया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया था। उनके परिवार और वकील ने आरोपों को खारिज किया है और पुलिस पर कहानी का एक पक्ष पेश करने का आरोप लगाया है।

पंजाब में खडूर साहिब के सांसद और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी पपलप्रीत सिंह को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से शिफ्ट करने के बाद पंजाब पुलिस ने अजनाला कोर्ट में पेश किया। बता दें कि पंजाब पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत पपलप्रीत सिंह को हिरासत में लेने के लिए 9 अप्रैल को डिब्रूगढ़ पहुंची थी। सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, उन्हें वापस पंजाब ले जाया गया और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में पेश किया गया। पपलप्रीत सिंह को 10 अप्रैल को होशियारपुर में पंजाब पुलिस द्वारा चलाए गए एक ऑपरेशन में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।

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पपलप्रीत पर लगे आरोप

पपलप्रीत सिंह पर कार्रवाई अमृतपाल के समर्थकों द्वारा 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई थी।  जिसमें उनके एक करीबी सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग की गई थी। आरोपों को खारिज करते हुए, पपलप्रीत सिंह के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि पुलिस स्टेशन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया था। पपलप्रीत के मामा अमरजीत सिंह वांगचडी ने आरोप लगाया कि वे केवल कहानी का एक पक्ष पेश कर रहे हैं। मुझे पता है कि पपलप्रीत गलत किया, लेकिन उसे एनएसए के तहत 4,000 किलोमीटर दूर भेजना उचित नहीं था।

पपलप्रीत के वकील का बयान

पपलप्रीत के वकील हरपाल सिंह खारा ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में यहां तक ​​कि पुलिस और राज्य के अधिकारियों को भी जानकारी नहीं है। साथ ही पुलिस स्टेशन से कुछ भी चोरी नहीं हुआ। पुलिस स्टेशन पर हमले का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। पुलिस और राज्य रिमांड और जांच के नाम पर कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते रहेंगे।

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