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Punjab : अग्निवीर में भर्ती हुए पहले जवान अमृतपाल को इस वजह से नहीं मिला गार्ड ऑफ ऑनर

05:50 PM Oct 16, 2023 IST | Anuj Kumar Yadav

अग्निवीर अमृतपाल सिंह जो की केंद्र सरकार की तरफ से शुरु की गए अग्निवीर स्कीम में भर्ती हुआ था । बीते ग्यारह अक्टूबर को अमृतपाल सिंह की मौत हो गई जिसके बाद से ही विवाद हो रहा है।
अमृतपाल सिंह 11 अक्टूबर को हुई थी मौत
दरअसल 19 साल के अमृतपाल सिंह ने दिसंबर 2022 में अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में अग्निवीर बने थे और जम्मू-कश्मीर में उन्हें तैनात किया गया था। 11 अक्टूबर 2023 को एक अग्रिम चौकी पर उनकी मौत हो गई थी। जिसके बाद सेना ने उनके शव को जूनियर कमीशंड अधिकारी और चार अन्य जवानों के साथ उनके घर भेज दिया, लेकिन सेना की ओर से मृतक अग्निवीर को सैन्य अंतिम संस्कार नहीं दिया गया जिसको लेकर ही अमृतपाल का परिवार हंगामा कर रहा है।
गार्ड ऑफ ऑनर की मांग कर रहा परिवार
परिवार का कहना है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत के बाद सेना की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया है जिससे वो बेहद नाराज है। बता दें मृतक अग्निवीर पंजाब के मानसा जिले के गांव कोटली के रहने वाले थे। उनके पिता ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं, जिस पर अब विवाद शुरू हो गया है इसके साथ ही मामले पर अब राजनीति भी हो रही है। पंजाब में तो विपक्षी दलों ने सैन्य अंतिम संस्कार नहीं देने पर हैरानी भी जताई है।

इस वजह से नहीं मिलेगा गार्ड ऑफ ऑनर
वहीं इस मामले को लेकर सेना का कहना है कि हर साल करीब 140 मामले ऐसे हो रहे हैं। जिन्हें ऐसे मामले में सेना की ओर से मृतक सैनिक को ऑफ ऑनर नहीं दिया गया, तो अग्निवीर अमृतपाल की मौत पर विवाद क्यों हो रहा है। इस मामले पर भारतीय सेना ने सोशल मीडिया एक्स पर एक बयान भी जारी किया हैा जिसमें लिखा गय़ा है कि अमृतपाल सिंह की मौत खुद की गोली से लगने के कारण हुई. मृतक अग्निवीर ने आत्महत्या की है और मौत का कारण खुद के द्वारा पहुंचाई गई चोट है. जिस कारण नियमों के मुताबिक गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया है. वहीं सेना ने यह भी कहा कि मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जा रही है।
सेना ने कहा 140 सैनिकों को भी नहीं मिला सम्मान
पोस्ट में आगे लिखा है कि 2001 के बाद से हर साल 100 से 140 सैनिकों को मौत आत्महत्या या खुद की गोली लगने के कारण हुई है। ऐसे सभी मामलों में मृतक को गार्ड ऑफ ऑनर देने की अनुमति नहीं है। वहीं सेना ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पोस्ट के अनुसार मृतक जवान के परिवार को अंतिम संस्कार के लिए वित्तीय सहायता/राहत के वितरण को उचित प्राथमिकता दी जाती है। सेना ने कहा कि वह किसी भी जवान के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है। चाहे वह अग्निवीर हों या इस योजना के पहले सेना में भर्ती हुए जवान हों।
14 जून 2022 अग्निवीर की हुई थी शुरुआत
इस बीच अग्निवीर में जवान की मौत की घटना कोई पहली घटना नहीं है जिसमें जवान की मौत हुई है। सेना के तीनों विंग में जवानों की भर्तियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 14 जून 2022 को अग्निपथ स्कीम लाॅन्च की गई थी, जिसके तहत सेना में 4 साल के लिए युवाओं की भर्तियां की जा रही है।

 

 

 

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