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कट्टरपंथी सिख संगठन के ‘पंजाब बंद’ को नहीं मिला खास समर्थन

कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा और शिअद (अमृतसर) द्वारा सीएए और एनआरसी के खिलाफ आहूत एक दिवसीय ‘पंजाब बंद’ को अमृतसर को छोड़कर राज्य के अधिकतर हिस्सों में खास प्रतिक्रिया नहीं मिली।

06:09 PM Jan 25, 2020 IST | Shera Rajput

कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा और शिअद (अमृतसर) द्वारा सीएए और एनआरसी के खिलाफ आहूत एक दिवसीय ‘पंजाब बंद’ को अमृतसर को छोड़कर राज्य के अधिकतर हिस्सों में खास प्रतिक्रिया नहीं मिली।

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कट्टरपंथी सिख संगठन के ‘पंजाब बंद’ को नहीं मिला खास समर्थन
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कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा और शिअद (अमृतसर) द्वारा सीएए और एनआरसी के खिलाफ आहूत एक दिवसीय ‘पंजाब बंद’ को अमृतसर को छोड़कर राज्य के अधिकतर हिस्सों में खास प्रतिक्रिया नहीं मिली।
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राज्यों के अधिकतर हिस्सों में बाजार एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान खुले रहे और कुछ स्थानों पर दुकानें बंद कराने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों का दुकानदारों ने विरोध किया।
काले झंडे और सीएए एवं एनआरसी विरोधी पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं और केंद्र में भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
अमृतसर में बंद का असर देखा गया और दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
दल खालसा अध्यक्ष एच एस चीमा ने कहा कि बंद के जरिए राज्य के लोगों ने सीएए, एनआरसी और आरएसएस के ‘हिंदू राष्ट्र’ एजेंडे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा दिया है और दोहराया है कि पंजाब ‘‘धर्मशासित हिंदू देश’’ का हिस्सा नहीं होगा।
दल खालसा के प्रवक्ता कंवर पाल सिंह ने कानून को ‘‘विभाजनकारी एवं भेदभावपूर्ण’’ करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर विरोधियों की आवाज ‘‘दबाने’’ का आरोप लगया।
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Shera Rajput

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