पंजाब: भगवंत मान ने पहली कैबिनेट में लिया बड़ा फैसला, 25 हजार सरकारी नौकरियां देगी सरकार
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बेरोजगारी दूर करने को लेकर शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया। पंजाब कैबिनेट ने शनिवार को कुल 25 हजार सरकारी नौकरियां देने का प्रस्ताव पारित किया है,
05:56 PM Mar 19, 2022 IST | Desk Team
पंजाब की नई सरकार का शपथग्रहण समारोह संपन्न हो गया है। इसके साथ ही भगवंत मान की अगुवाई वाली नई सरकार अपने काम पर जुट गई है। सूबे की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बेरोजगारी दूर करने को लेकर शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया। पंजाब कैबिनेट ने शनिवार को कुल 25 हजार सरकारी नौकरियां देने का प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें पंजाब पुलिस विभाग में 10 हजार रिक्तियां और अन्य सरकारी विभागों में 15 हजार रिक्तियां शामिल हैं।
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नए मंत्रिमंडल की पहली बैठक में लिया गया फैसला
पंजाब में नई सरकार के गठन के बाद शनिवार को भगवंत मान कैबिनेट की पहली बैठक हुई। इस बैठक में सबसे पहले राज्य में बेरोजगारी को दूर करने के लिए पहला कदम उठाया गया। पंजाब कैबिनेट की बैठक से ठीक पहले मंत्रियों को शपथ दिलाया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में एक महिला समेत आम आदमी पार्टी (आप) के दस विधायकों को शामिल किया गया।
10 मंत्रियों में से आठ पहली बार विधायक बने
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने यहां पंजाब भवन में मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन 10 मंत्रियों में से आठ पहली बार विधायक बने हैं। इन सभी ने पंजाबी भाषा में शपथ ली। हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह, डॉ विजय सिंगला, लाल चंद, गुरमीत सिंह मीत हेयर, कुलदीप सिंह धालीवाल, लालजीत सिंह भुल्लर, ब्रह्म शंकर जिम्पा, हरजोत सिंह बैंस और डॉ बलजीत कौर को शपथ दिलाई गई। कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 18 पद हैं।
लोग व्हाट्सएप के जरिए भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकेंगे-भगवंत
इससे पहले गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि 23 मार्च को ‘शहीद दिवस (शहीद दिवस)’ पर राज्य में एक भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। मान ने कहा था कि लोग व्हाट्सएप के जरिए भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकेंगे। इससे पहले 16 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। आप ने हाल ही में संपन्न पंजाब विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की और 92 सीटों पर जीत हासिल की। आप ने पंजाब की इस प्रचंड जीत के जरिए अपने ज्यादातर प्रतिद्वंद्वियों को सियासी रेस से बाहर कर हाशिए पर छोड़ दिया है।
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