पंजाब की सीमा सबसे संवेदनशील, सेना और जनता एकजुट: राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया
युद्ध की स्थिति में सबसे पहले प्रभावित होता है पंजाब
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने भारत-पाक तनाव पर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब की सीमा सबसे संवेदनशील है। उन्होंने सेना की सजगता की प्रशंसा की और कहा कि पंजाब की जनता सेना का पूरा सहयोग करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादी घटनाओं पर सख्त कदम उठाने की बात कही, जिससे भारत की ताकत वैश्विक स्तर पर स्वीकार की गई।
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने उदयपुर प्रवास के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पंजाब, जो पाकिस्तान से लगती लगभग 533 किलोमीटर लंबी सीमा से जुड़ा है, युद्ध या युद्ध जैसी किसी भी स्थिति में सबसे पहले और सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। उन्होंने दावा किया कि जब भी युद्ध की हलचल होती है, सबसे पहले पंजाब की सीमा पर असर दिखता है। राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश की सीमा पर स्थित पंजाब की जनता सीधे सीमा पार के लोगों से संवाद कर सकती है। पंजाब की लगभग 533 किलोमीटर लंबी सीमा युद्ध या तनाव के समय सबसे अधिक प्रभावित होती है। हाल के पहलगाम हमले के बाद जनता में आक्रोश था और वे इसका हिसाब चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन की पंजाब की जनता ने भी सराहना की। हमारी सेना की सजगता और तैयारी के कारण सीमा पर आए अधिकांश ड्रोन नष्ट किए गए। मिसाइलें भी निष्क्रिय की गईं। सेना, विशेषकर वायुसेना ने इस बार जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसने देशवासियों का मनोबल बढ़ाया और यह साबित किया कि हम हर तरफ से सुरक्षित हैं।
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उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता का सेना, बीएसएफ और पुलिस को भरपूर सहयोग मिलता है। लोग खाना, नाश्ता आदि पहुंचाकर सेना का समर्थन करते हैं। सीमा पर न तो लोगों को गांव खाली करना पड़ा, न ही स्थानांतरित करना पड़ा। कई रिटायर्ड सैनिक भी यहां बसे हैं, जो पंजाब को और मजबूत बनाते हैं। पंजाब में जाति या धर्म के आधार पर कोई विद्वेष नहीं है, सभी लोगों ने सेना का साथ दिया।
उन्होंने आगे कहा कि सेना और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। वे डीसी, एसपी, सेना और बीएसएफ के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं और दैनिक रिपोर्ट प्राप्त करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि अगर आतंकवादी घटनाएं जारी रही, तो सेना को दोबारा कार्रवाई की पूरी छूट है। पाकिस्तान को मानसिक और सामरिक रूप से कमजोर किया गया है। उनके हथियार नाकाम रहे, जबकि भारत के स्वदेशी हथियारों ने अपनी ताकत दिखाई। इस घटना ने विश्व में भारत की सेना का सम्मान बढ़ाया और भारत की ताकत को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया। यह एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन कार्रवाई स्थगित की गई है, खत्म नहीं। परिस्थितियों के अनुसार जवाब दिया जाएगा।