पंजाब : मुख्यमंत्री चन्नी के भतीजे को ईडी ने किया गिरफ्तार, आठ घंटे तक की पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को सीमावर्ती राज्य में कथित अवैध रेत खनन से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
09:16 AM Feb 04, 2022 IST | Desk Team
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार भूपिंदर सिंह हनी को सीमावर्ती राज्य में कथित अवैध रेत खनन से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
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18 जनवरी को उनके परिसरों पर छापा मारा था
उन्होंने बताया कि हनी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बृहस्पतिवार को देर रात गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले हनी से एजेंसी के जालंधर स्थित कार्यालय में कई घंटे तक पूछताछ हुई थी।
सूत्रों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान हनी जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया। ईडी हनी को शुक्रवार को मोहाली में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश करेगा और उसकी रिमांड की मांग करेगा। हनी, चन्नी की पत्नी की बहन के बेटे हैं।
एजेंसी ने 18 जनवरी को उनके परिसरों पर छापा मारा था और लगभग आठ करोड़ रुपये नकद और ‘‘आपत्तिजनक’’ दस्तावेज जब्त करने का दावा किया था। कुछ अन्य लोगों के यहां भी छापेमारी की गई।
पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान
यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में हुआ है जब कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी राज्य में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की संभावना जतायी थी। गांधी के रविवार को लुधियाना में अपनी डिजिटल रैली के दौरान यह घोषणा करने की उम्मीद है और चन्नी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार में सबसे आगे बताया जा रहा है। विधानसभा चुनाव के लिए पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है।
पिछले महीने छापेमारी के बाद ईडी के सूत्रों ने दावा किया था कि एजेंसी ने 10 करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि और कई दस्तावेज बरामद किए थे, जिनमें से आठ करोड़ रुपये और अधिकतर कागजात अकेले हनी से जुड़े परिसरों से जब्त किए गए थे। संदीप कुमार नामक व्यक्ति से जुड़े परिसर से लगभग दो करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए।
ईडी ने पिछले साल पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था
ईडी ने तब एक बयान जारी कर कहा था कि छापेमारी जिनके यहां की गई, उनमें कुदरतदीप सिंह, पिंजौर रॉयल्टी कंपनी और उसके सहयोगी/शेयरधारक कंवरमहीप सिंह, मनप्रीत सिंह, सुनील कुमार जोशी, जगवीर इंदर सिंह, रणदीप सिंह, प्रोवाइडर्स ओवरसीज कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और हनी और संदीप कुमार सहित इसके अन्य निदेशक, शेयरधारक शामिल हैं। छापे मोहाली, लुधियाना, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब तथा पठानकोट में मारे गए थे।
चन्नी ने संवाददाताओं से कहा था कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के यहां राज्य में जिस तरह से छापे मारे गए थे, उसी तरह ईडी पंजाब में उन पर, उनके मंत्रियों और कांग्रेस पार्टी के सदस्यों पर ‘‘दबाव’’ डालने के लिए ‘‘वही तरीका’’ आजमा रहा है। ईडी ने पिछले साल नवंबर में पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था।
2018 को मलिकपुर खनन स्थल पर ‘‘औचक निरीक्षण’’ किया
यह मामला शहीद भगत सिंह (एसबीएस) नगर पुलिस थाना में 2018 में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें भारतीय दंड संहिता और खान एवं खनिज (विकास का नियमन) अधिनियम, 1957 के तहत आरोप लगाए गए थे।
प्राथमिकी में ईडी ने कहा था कि एसबीएस नगर थाना अंतर्गत राहोन में अवैध रेत खनन के संबंध में मिली एक शिकायत के आधार पर खनन विभाग, नागरिक प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने सात मार्च, 2018 को मलिकपुर खनन स्थल पर ‘‘औचक निरीक्षण’’ किया था।
इसके बाद मलिकपुर में खनन कार्य रोक दिया गया। ईडी ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि बुर्जतहल दास, बरसल, लालेवाल, मंडला और खोसा में भी अवैध खनन गतिविधियां हुईं।
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