Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

पंजाब : नशा तस्करी के मामले में आप नेता खैहरा के खिलाफ फाजिलका अदालत ने पुन: सम्मन जारी किए

NULL

06:16 PM Dec 01, 2017 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना-फाजिलका  : भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सरहद पर देश के अंदर नशे की तस्करी करने के 2015 के एक मामले में पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ आगु और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता स. सुखपाल सिंह खैहरा और उनके पीएसओ जोगा सिंह व अन्य आज फाजिलका अदालत में पेश नहीं हुए। जबकि हाईकोर्ट से राहत ना मिलने के कारण वह सप्रीम कोर्ट पहुंच चुके है और सुप्रीम कोर्ट में सुखपाल सिंह खैहरा के इस मामले पर सुनवाई शुक्रवार का दिन अहम होगा।

इधर फाजिलका में एडीशनल सेशन जज संदीप सिंह जोशन ने उनके खिलाफ पुन: ताजा सम्मन जारी करते हुए 21 दिसंबर को पेश होने का हुकम सुनाया है। इससे पहले खैहरा ने मीडिया से बातचीत करते कहा कि मानयोग अदालत ने उनके लिए 30 नवंबर के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए थे, जिनको पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रदद कर दिया था, इसलिए उनको आज के दिन के लिए कोई भी सम्मन जारी नही हुआ था। उल्लेखनीय है कि ड्रग तस्करी के एक मामले में फाजिलका अदालत ने गुरूदेव सिंह देबी और अन्य को 20 साल की सजा सुनाने उपरांत धारा 319 सीआरपी के तहत स. खैहरा के गैर जमानती वारंट जारी किए थे।

जिनको लेकर स. खैहरा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट चले गए थे और हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनके गैर जमानती वारंट तो रदद कर दिए थे परंतु अदालती कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सुखपाल सिंह खैहरा की पाटीशन रदद करके फाजिलका की जिला अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा था। इसी मामले को लेकर खैहरा द्वारा फाजिलका जिला अदालत पर अग्रिम जमानत भी अभी तक नहीं मांगी गई है। जबकि दूसरी तरफ नशा तस्करी के मामले में खैहरा का नाम आ जाने के कारण राज्य की सियासत पूरी तरह गर्म है और कांग्रेस समेत अकाली भाजपा द्वारा लगातार सुखपाल खैहरा पर इस्तीफे की मांग की जा रही है।

इसी बीच लोक इंसाफ पार्टी के लुधियाना से विधायक ब्रदर्स सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंद्र सिंह बैंस ने एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए एक आडीयो क्लीप जारी करते हुए दावा किया था कि इस मामले में हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ जज को प्रभावित करके 35 लाख रूपए की डील हुई थी, यह मुददा विधानसभा के सत्र के दौरान छाया रहा और विधानसभा ने बैंस भाईयों के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करके उनके न्यायपालिका पर उंगली उठाएं जाने और न्यायपालिका का अपमान करार दिया और न्यायपालिका को संज्ञान लेने की तकीद की। इस पर खैहरा हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके है। अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें.

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Advertisement
Next Article