नशे के खिलाफ सख्त हुई Punjab सरकार! छात्रों के लिए शुरू किया नया कोर्स
Punjab में नशे की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य ने 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष नशा विरोधी पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह पहल "युद्ध नशे के विरुद्ध" अभियान का हिस्सा है, जिसका मकसद छात्रों को नशीले पदार्थों से दूर रखना और उन्हें सही निर्णय लेने में सक्षम बनाना है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह पाठ्यक्रम नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी की टीम द्वारा तैयार किया गया है। इसे 1 अगस्त 2025 से Punjab के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम को वैज्ञानिक और व्यवहारिक तरीके से डिज़ाइन किया गया है, ताकि विद्यार्थी इसकी मदद से नशे से जुड़ी गलत धारणाओं को दूर कर सकें और अपने जीवन में सही फैसले ले सकें।
कैसा होगा यह पाठ्यक्रम?
यह कोर्स कुल 27 हफ्तों तक चलेगा। हर 15 दिन में एक 35 मिनट का सत्र आयोजित किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होंगी:
- वृत्तचित्र (Documentary)
- प्रश्नोत्तरी (Quiz)
- पोस्टर बनाना
- इंटरैक्टिव एक्टिविटीज़ (जैसे समूह चर्चा)
इसका उद्देश्य छात्रों को यह सिखाना है कि नशे को कैसे मना करें, साथियों के दबाव का विरोध कैसे करें, सोच-समझकर निर्णय कैसे लें और जीवन में सकारात्मक बदलाव कैसे लाएं।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता
इस कोर्स की शुरुआत पहले Punjab के अमृतसर और तरनतारन के 78 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी। वहां के 9,600 छात्रों में से 90% ने माना कि हेरोइन जैसी नशीली चीजों को एक बार भी आजमाना खतरनाक हो सकता है और इससे लत लग सकती है। एक और महत्वपूर्ण बात सामने आई कि पहले जहां 50% छात्रों को लगता था कि सिर्फ इच्छाशक्ति से नशा छोड़ा जा सकता है, वहीं कोर्स के बाद यह सोच घटकर केवल 20% तक रह गई।
रोकथाम और कार्रवाई
Punjab सरकार नशे से लड़ने के लिए दो मोर्चों पर काम कर रही है:
आपूर्ति पर रोक– नशा तस्करों पर सख्त कार्रवाई।
मांग में कमी– शिक्षा और जागरूकता के ज़रिए युवाओं को नशे से दूर रखना।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक 23,000 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 1,000 किलो से ज़्यादा हेरोइन जब्त की गई और करोड़ों की अवैध संपत्ति सीज़ की गई है।
Punjab Police: पंजाब पुलिस ने नशीली दवाओं के व्यापार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, अपने चल रहे मादक पदार्थ विरोधी अभियान ‘युद्ध नाशियां विरुद्ध’ के तहत पाँच महीने से भी कम समय में 1,002 किलोग्राम से अधिक हेरोइन बरामद की है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर 1 मार्च, 2025 को शुरू किए गए इस अभियान के तहत 14,906 एफआईआर दर्ज की गईं और 23,647 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिससे राज्य सरकार की नशा मुक्त पंजाब के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।
Punjab Police: 12.03 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी बरामद
यह अभियान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, जिसमें राज्य भर में घेराबंदी और तलाशी अभियान, रात्रि गश्त और ज्ञात नशीली दवाओं के हॉटस्पॉट पर लक्षित छापे सहित लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। विशेष पुलिस महानिदेशकअर्पित शुक्ला, जो व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी कर रहे हैं, ने बताया कि हेरोइन की खेप के अलावा, पुलिस ने 344 किलोग्राम अफीम, 182 क्विंटल पोस्त की भूसी, 14 किलोग्राम चरस, 365 किलोग्राम गांजा, 6 किलोग्राम आईसीई और लगभग 30.9 लाख नशीली गोलियां, कैप्सूल और इंजेक्शन भी जब्त किए हैं। इसके अलावा, 12.03 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी बरामद की गई है।
Punjab Police: 99 ड्रग तस्कर गिरफ्तार
अभियान के 148वें दिन, पुलिस टीमों ने पूरे पंजाब में 425 स्थानों पर समन्वित छापेमारी की। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप 99 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया और 72 नई एफआईआर दर्ज की गईं। दिन भर चले अभियान के दौरान कुल 12.9 किलोग्राम हेरोइन, 701 ग्राम अफीम, 70,000 से अधिक नशीली गोलियां और इंजेक्शन, और 8.38 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई। इस कार्रवाई में 1,300 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों वाली 180 से ज़्यादा टीमें शामिल थीं, जिनकी निगरानी 86 राजपत्रित अधिकारियों ने की। पुलिस ने अभियान के दौरान 443 संदिग्ध व्यक्तियों की भी जाँच की।