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पराली को निपटाने के लिए किसानों को 56 हजार मशीनें वितरित करेगी पंजाब सरकार, कृषि मंत्री धालीवाल की बड़ी घोषणा

पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने रविवार को कहा कि धान की पराली को निपटाने के लिए किसानों को 56 हजार मशीनें वितरित की जाएंगी और राज्य सरकार धान की कटाई के आगामी मौसम में किसानों को पराली जलाने से रोकने के वास्ते हर संभव कदम उ

12:18 AM Sep 12, 2022 IST | Desk Team

पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने रविवार को कहा कि धान की पराली को निपटाने के लिए किसानों को 56 हजार मशीनें वितरित की जाएंगी और राज्य सरकार धान की कटाई के आगामी मौसम में किसानों को पराली जलाने से रोकने के वास्ते हर संभव कदम उ

पराली को निपटाने के लिए किसानों को 56 हजार मशीनें वितरित करेगी पंजाब सरकार  कृषि मंत्री धालीवाल की बड़ी घोषणा
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पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने रविवार को कहा कि धान की पराली को निपटाने के लिए किसानों को 56 हजार मशीनें वितरित की जाएंगी और राज्य सरकार धान की कटाई के आगामी मौसम में किसानों को पराली जलाने से रोकने के वास्ते हर संभव कदम उठाएगी। धालीवाल ने लुधियाना में पत्रकारों से कहा कि कृषि विभाग इस सत्र में 56,000 मशीनों का वितरण करेगा, जिससे बांटी गई मशीनों की कुल संख्या 1,46,422 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 2018 से 2022 तक 90,422 मशीनें किसानों को दी जा चुकी हैं।
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घर-घर जाकर किया जाएगा किसानों को जागरूक 
धालीवाल ने बताया कि अब छोटे किसानों को भी ‘सुपर सीडर’, ‘हैप्पी सीडर’, ‘जीरो ड्रिल’ जैसी मशीनें मिलेंगी, क्योंकि ऐसे 500 उपकरण राज्य के 154 प्रखंडों में भेजे जाएंगे।  उन्होंने कहा कि 15 सितंबर के बाद उनके समेत चतुर्थ श्रेणी से लेकर कृषि विभाग के निदेशक स्तर के अधिकारी तक खेतों में रहेंगे और घर-घर जाकर किसानों को पराली नहीं जलाने के प्रति जागरूक करेंगे। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर और नवंबर में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के कारणों में से एक है।
‘किसान विरोधी और पंजाब विरोधी’
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धालीवाल ने पराली नहीं जलाने के लिए किसानों के वास्ते नकद प्रोत्साहन संबंधी प्रस्ताव को ठुकराने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की और इसे ‘किसान विरोधी और पंजाब विरोधी’ कदम बताया। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने धान उत्पादकों को प्रति एकड़ 2,500 रुपये देने का प्रस्ताव रखा था। उसने सुझाव दिया था कि केंद्र इसमें से 1,500 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान करेगा, जबकि 1,000 रुपये प्रति एकड़ पंजाब और दिल्ली की सरकारें वहन करेंगी।
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