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SYL नहर पर पंजाब-हरियाणा में तकरार! भगवंत मान का पानी देने से साफ इनकार

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विवादास्पद सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर शुक्रवार को यहां एक बैठक में किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके।

04:53 PM Oct 14, 2022 IST | Desk Team

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विवादास्पद सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर शुक्रवार को यहां एक बैठक में किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विवादास्पद सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर शुक्रवार को यहां एक बैठक में किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके। भगवंत मान ने हरियाणा निवास में बैठक के बाद कहा कि पंजाब के पास बांटने के लिए पानी नहीं है और पंजाब में नहर के हिस्से का निर्माण पूरा करने का प्रश्न ही नहीं पैदा होता। वहीं, मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब अपने भू-भाग में नहर के निर्माण पर सहमत नहीं हुआ। उन्होंने कहा, बैठक में कोई सहमति नहीं बनी। पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मुख्यमंत्रियों को मुलाकात करने और पानी के बंटवारे के इस मुद्दे का कोई सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए कहा था। SYL नहर को लेकर हरियाणा और पंजाब के बीच कई दशकों से विवाद बना हुआ है।
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पानी की मात्रा के पुन: आकलन की जरुरत
पंजाब का कहना है कि रावी और ब्यास नदियों का जलस्तर काफी कम हो गया है और इसलिए पानी की मात्रा के पुन: आकलन की जरुरत है, जबकि हरियाणा SYL नहर को पूरा किए जाने की मांग कर रहा है ताकि उसे नदी के पानी का 35 लाख एकड़ फुट का अपना हिस्सा मिल सके। इसके साथ ही हरियाणा का यह भी कहना है कि पंजाब को सुप्रीम कोर्ट के 2002 और 2004 के आदेशों का पालन करना चाहिए जिनमें उसे नहर पूरा करने के लिए कहा गया है।
SYL के पानी पर हरियाणा का पूरा अधिकार 
इस संबंध में चर्चा के लिए दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक तय होने के बाद खट्टर ने कहा था कि SYL के पानी पर हरियाणा का पूरा अधिकार है। वहीं भगवंत मान का कहना था कि बैठक में पंजाब के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी। केंद्र ने 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि इस विवाद को सुलझाने में पंजाब सरकार ‘सहयोग नहीं’ कर रही है।
जल संसाधन मंत्रालय के जरिए साथ लाने का प्रयास
केंद्र की ओर से पेश तत्कालीन अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच के समक्ष कहा था कि सर्वोच्च अदालत ने 2017 में इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान करने को कहा था और केंद्र अपने जल संसाधन मंत्रालय के जरिए दोनों राज्यों को एक साथ लाने का प्रयास कर रहा है।
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