पंजाब केसरी स्याही से नहीं शहीदों के खून से लिखा गया है - किरण चोपड़ा
पंजाब केसरी की कलम ना रुकने वाली है,ना झुकने वाली,और ना ही टूटने वाली – किरण चोपड़ा
पंजाब केसरी समाचार पत्र समूह की निदेशक किरण चोपड़ा ने कहा कि अखबार आमतौर पर स्याही से लिखे जाते हैं लेकिन पंजाब केसरी शहीदों के खून से लिखा गया है। इसलिए पंजाब केसरी एक अखबार नहीं बल्कि मिशन है। जो समाज और देश की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अच्छाइयों और बुराइयों को समाज के सामने प्रस्तुत करता रहा है और करता रहेगा। इसके लिए चाहे कितनी ही बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़े।
श्रीमती किरण चोपड़ा शुक्रवार को फरीदाबाद के सेंट्रल पार्क के सभागार में समाचार पत्र के 60 साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित हमारी संस्कृति- हमारा अंदाज कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना बहुत ही दुखदाई – किरण चोपड़ा
संबोधन की शुरुआत में उन्होंने अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि घटना बहुत ही दुखदाई है। घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। उन्होंने प्लेन क्रैश में मारे गए सभी मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरे सभागार में सभी ने खड़े होकर दो मिनट का मौन धारण कर अहमदाबाद प्लेन क्रैश, पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। किरण चोपड़ा ने कहा कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश की दुखद घटना के बाद कार्यक्रम को स्थगित करने का मन था, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों की लंबी तैयारियों को देखकर कार्यक्रम करना पड़ा। यह अनुभवी लोगों का कार्यक्रम है। यहां संस्कारों का कार्यक्रम है।
1981 में लाला जगत नारायण जी के बलिदान के बाद रमेश चंद्र जी ने शहीद परिवारों के लिए फंड शुरू किया, लेकिन उन्हें भी शहीद कर दिया गया।
पंजाब के बाहर अखबार को शुरू करने का संकल्प अश्वनी जी ने 1983 में पूरा किया और पंजाब केसरी को राष्ट्रीय अखबार बनाया। लाला जी 1953 में संयुक्त पंजाब में मंत्री थे। बाद में उनके पौत्र अश्वनी जी 2014 में करनाल से सांसद बने। दोनों ने ही हरियाणा के लिए काम किया। दोनों की कर्मभूमि हरियाणा रहा है, इसलिए आज का कार्यक्रम हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित किया जा रहा है। आज उनके कार्यों को पूरे हरियाणा में याद किया जा रहा है।
आने वाली पीढिय़ों को देना है संस्कार
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिकों का है। यह संस्कारों का प्रोग्राम है। हम सबका यही प्रयास है कि अपनी आने वाली पीढिय़ों को संस्कार दें। संस्कारवान पीढ़ी ही देश की प्रगति में भागीदारी निभा सकती है। उन्होंने कहा कि पंजाब केसरी ना केवल निर्भीक और निडर पत्रकारिता का फर्ज निभा रहा है बल्कि सामाजिक कार्य करते हुए बुजुर्गों, बच्चों, युवाओं और बेटियों के काम किया है।
पंजाब केसरी की कलम रुकने वाली नहीं। झुकने वाली नहीं है और ना ही टूटने वाली है – किरण चोपड़ा
उन्होंने पंजाब केसरी के इतिहास और अतीत पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंजाब केसरी के संस्थापक लाला जगत नारायण जी और रमेश चंद्र जी ने आजादी की लड़ाई लड़ी, जेल भी काटी। जब लाला जी जेल में थे तब रमेश चंद्र जी देश की आजादी के मतवालों को संदेश पहुंचाते थे। आजादी के बाद भी निडर, निर्भीक होकर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एमरजेंसी में अखबार की बिजली तक काटी गई, लेकिन यह सच की आवाज रुकी नहीं। अपने साहस से यह साबित किया कि पंजाब केसरी की कलम रुकने वाली नहीं। झुकने वाली नहीं है और ना ही टूटने वाली है।
21 साल से अनवरत जारी है वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब का सफर
उन्होंने कहा कि उनके मन में बुजुर्गों के लिए कुछ करने की ललक पैदा हुई। उनकी खुशी और उनकी खुशहाली के लिए वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब शुरू किया गया। उस समय केवल सात लोगों के साथ यह सफर शुरू किया था। आज देश भर में 25 ब्रांच हैं। जब उन्होंने बुजुर्गों के लिए क्लब शुरू किया तो महाशय धर्मपाल जी कहा कि घर में एक बुड्ढा नहीं संभाला जा सकता, तुम इतने बुड्ढे संभालोगी। उन्होंने उसी दिन इस काम को आगे बढ़ाने का संकल्प ले लिया था।
देश के दुश्मनों को दिया करारा संदेश
किरण चोपड़ा ने मंच के माध्यम से देश के दुश्मनों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब केसरी हमेशा ही देश के दुश्मनों पर कड़ा प्रहार करता रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनकर रहेगा। इस देश को, यहां के सैनिकों को रोक सको तो रोक लो। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने आए हुए सभी अतिथियों और खासकर वरिष्ठ नागरिकों का आभार जताया।