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पंजाब मंत्री राणा गुरजीत ने सोनिया को पत्र लिखकर सुखपाल खैरा को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की

पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ एक धनशोधन मामले में पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मुद्दा उठाया और उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की।

02:05 AM Jan 24, 2022 IST | Shera Rajput

पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ एक धनशोधन मामले में पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मुद्दा उठाया और उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की।

पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ एक धनशोधन मामले में पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मुद्दा उठाया और उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की। 
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कपूरथला क्षेत्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के बीच कड़वी प्रतिद्वंद्विता सामने आयी
ऐसे में जब राज्य विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम समय बचा है, कपूरथला क्षेत्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के बीच कड़वी प्रतिद्वंद्विता सामने आयी है। 
ईडी ने पिछले साल खैरा को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था जो भोलाथ से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। ईडी ने आरोप लगाया गया था कि वह मामले में दोषियों और फर्जी पासपोर्ट रैकेट चलाने वालों के एक ‘सहयोगी’ थे। 
नवतेज सिंह चीमा और पंजाब कांग्रेस के दो अन्य नेताओं ने कुछ दिन पहले गांधी को एक पत्र लिखा
राणा गुरजीत का यह कदम ऐसे समय आया है जब खैरा, नवतेज सिंह चीमा और पंजाब कांग्रेस के दो अन्य नेताओं ने कुछ दिन पहले गांधी को एक पत्र लिखा था जिसमें पार्टी से उन्हें निष्कासित करने की मांग करते हुए आरोप लगाया गया था कि वह विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को ‘कमजोर’ कर रहे हैं। 
मंत्री ने अपने बेटे राणा इंदर प्रताप सिंह के लिए एक आक्रामक प्रचार अभियान शुरू किया है, जो सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ सुल्तानपुर लोधी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 
खैरा धनशोधन मामले में फिलहाल जेल में हैं -गुरजीत
कपूरथला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए राणा गुरजीत ने कहा कि खैरा धनशोधन मामले में फिलहाल जेल में हैं। 
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘यह बेहिसाबी धन या नियमित धनशोधन का मामला नहीं है। यह नशीले पदार्थ के धन से संबंधित है …जो अस्वीकार्य और अक्षम्य है … कांग्रेस हमेशा मादक पदार्थ के खिलाफ रही है। वास्तव में, यह हमारे पूर्व प्रमुख राहुल गांधी थे, जिन्होंने 2015 में पंजाब में मादक पदार्थ की गंभीर समस्या का जिक्र करते हुए इस मुद्दे को उठाया था।’’ 
हमारी पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट कैसे दे सकती है जो दागी है
उन्होंने लिखा, ‘‘तो, हमारी पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट कैसे दे सकती है जो दागी है … कांग्रेस नेताओं और उम्मीदवारों के लिए बचाव करना मुश्किल होगा कि एक तरफ हमने शपथ ली है कि हम मादक पदार्थ को खत्म करेंगे और दूसरी तरफ हम एक दागी व्यक्ति को टिकट दे रहे हैं जो जेल में बंद है।’’ 
कांग्रेस नशीले पदार्थों और जेल में बंद किसी व्यक्ति के मुद्दे पर एक रुख ले
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस नशीले पदार्थों और जेल में बंद किसी व्यक्ति के मुद्दे पर एक रुख ले। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पार्टी का टिकट देने से गलत संकेत जाएगा… एक वफादार और विनम्र कांग्रेसी के रूप में, जिसने पिछले दो दशकों से लोकसभा और विधानसभा में कांग्रेस की नीतियों को पेश और बचाव किया है, मैं इस बात से आंखें नहीं मूंद सकता कि मैं क्या कर रहा हूं। मेरी पार्टी में क्या हो रहा है।’’ 
राणा गुरजीत ने कहा, ‘‘मैं इन सभी तथ्यों को आपके ध्यान में लाना अपना कर्तव्य समझता हूं ताकि आप तत्काल सुधारात्मक कदम उठा सकें।’’ 
इस बीच रविवार को दिन में मंत्री ने सुल्तानपुर लोधी निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में अपने बेटे के लिए प्रचार किया। 
कैबिनेट मंत्री ने 21 जनवरी को चीमा के पैतृक गांव बुसोवाल से इंदर प्रताप के लिए प्रचार शुरू किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उनके बेटे को निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा चुना जाएगा। 
कांग्रेस के चार नेताओं द्वारा गांधी को पत्र लिखे जाने के बाद अपने बेटे के लिए प्रचार करने का फैसला किया
मंत्री ने हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस के चार नेताओं द्वारा गांधी को पत्र लिखे जाने के बाद अपने बेटे के लिए प्रचार करने का फैसला किया और कहा कि इंदर प्रताप का पक्ष लेना उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। 
राणा गुरजीत ने नेताओं को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वे कपूरथला क्षेत्र में उनके खिलाफ प्रचार करें, जहां से वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। 
यह पूछे जाने पर कि क्या चीमा के खिलाफ प्रचार करने के लिए पार्टी आलाकमान द्वारा कोई कार्रवाई की गई है, राणा गुरजीत ने कहा कि उन्हें इस पर कोई ‘कारण बताओ’ नोटिस नहीं मिला है। 
कांग्रेस के चार नेताओं ने गांधी को पत्र लिखा जब इंदर प्रताप ने सुल्तानपुर लोधी से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया, क्योंकि पार्टी ने निर्वाचन क्षेत्र से चीमा को मैदान में उतारा था। 
पत्र चीमा, जालंधर उत्तर विधायक अवतार सिंह जूनियर, फगवाड़ा विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल और पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने लिखा है। 
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