
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सेना में भर्ती से संबंधित अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के सुझाव का मंगलवार को समर्थन किया। विधानसभा में जारी बजट सत्र में शून्य काल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाजवा ने अग्निपथ का मुद्दा उठाया और कहा कि इस योजना से पंजाब के युवाओं पर ''नकारात्मक'' प्रभाव पड़ेगा। बाजवा ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि योजना के चलते सेना में पंजाब का प्रतिनिधित्व मौजूदा 7.8 प्रतिशत से गिरकर भविष्य में 2.3 प्रतिशत रह जाएगा।
मुख्यमंत्री से अग्निपथ योजना के खिलाफ मौजूदा विधानसभा सत्र में संयुक्त प्रस्ताव लाने की मांग की
बाजवा ने कहा, ''यह योजना पंजाब के हितों के विरुद्ध है।'' उन्होंने मुख्यमंत्री से अग्निपथ योजना के खिलाफ मौजूदा विधानसभा सत्र में संयुक्त प्रस्ताव लाने की मांग की। मान ने मामले को ''भावनात्मक मुद्दा'' करार दिया और बाजवा के सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं को इस योजना के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहिए। मान ने बाजवा के सुझाव पर जवाब देते हुए कहा, ''मैं इसके (योजना के) खिलाफ हूं और आपसे सहमत हूं।''मान ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा।
देशभर में हुआ है विरोध
गौरतलब है कि अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में 4 साल के लिए अग्निवीरों को भर्ती किए जाने की योजना है। इसके विरोध में देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इसको लेकर बिहार समेत कई राज्यों में ट्रेनों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं भी सामने आई हैं। वहीं कांग्रेस इस योजना के विरोध में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस इस योजना को वापस लिए जाने की मांग कर रही है। वहीं रक्षा मंत्रालय और सरकार की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि अग्निनपथ स्कीम रोलबैक नहीं होगी।