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केक खाने से बच्ची की मौत मामले में आया नया मोड़, HC ने याचिका को बताया प्रीमेच्योर

09:58 AM Apr 11, 2024 IST | Aastha Paswan
केक खाने से बच्ची की मौत मामले में आया नया मोड़  hc ने याचिका को बताया प्रीमेच्योर

Punjab News: केक खाने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में बच्ची की मौत के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मिलावटखोरों पर कार्रवाई और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट का सही पालन सुनिश्चित करने का निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।

Highlights

  • बच्ची की मौत मामले में आया नया मोड़
  • हाईकोर्ट तक पहुंचा था मामला
  • हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द की याचिका

अभी याचिका प्रीमेच्योर है-HC

बता दें पंजाब के पटियाला में 24 मार्च को जन्मतिथि पर ऑनलाइन मंगवाए गए केक खाने से एक 10 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में मिलावटखोरों पर कार्रवाई और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट का सही पालन सुनिश्चित करने का निर्देश जारी करने को लेकर याचिका दर्ज की गई थी। जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मंडियों में चल रहा निरीक्षण

साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया को आदेश दिया था कि मिलावट को रोकने के लिए मंडियों का लगातार निरीक्षण किया जाए और मिलावट के धंधे पर लगाम लगाई जाए। 2016 में एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य को आदेश दिया था कि डेयरी व अन्य प्रकार के कार्य करने वालों को चेतावनी दी जाए और बताया जाए कि ऐसा साबित होने पर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई होगी। इसके बावजूद मिलावट का धंधा रुक नहीं रहा है।

24 मार्च को बच्ची हुई मिलावट का शिकार

24 मार्च को मोहाली निवासी मानवी भी ऐसी ही एक मिलावट का शिकार हुई थी। इस मामले में सिविल सर्जन जांच का आदेश दे चुके हैं और बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री ने बच्ची के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की थी और जांच का आदेश दिया था। याची ने कहा कि बिना मजबूत तंत्र विकसित किए मिलावट के इस कारोबार पर रोक नहीं लगाई जा सकती।

हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

नियमों का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करने के लिए औचक निरीक्षण होते रहने चाहिए। ऐसे में जनहित याचिका में राज्य व केंद्र सरकार को इसका पालन सुनिश्चित करने केलिए आवश्यक निर्देश जा री करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि अभी मांगपत्र दाखिल किए हुए कुछ दिन भी नहीं हुए हैं और पंजाब पुलिस मामले की जांच कर रही है। ऐसे में अभी यह याचिका प्रीमेच्योर है और ऐसे में इसे खारिज कर दिया गया

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