पंजाब में दिखा कांग्रेस का दम, इस बार नहीं खुला भाजपा का खाता
Punjab: लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। केंद्र में अगली सरकार बनने की तस्वीर साफ हो चुकी है। बीजेपी नीत एनडीए एक बार फिर सरकार बनाएगा। हालांकि, बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में खराब रहा है। बीजेपी देश के 7 राज्यों में एक भी सीट नहीं जीत पाई है।
Highlights
- केंद्र में जीती भाजपा सरकार
- कांग्रेस एक बार फिर दिखा दमखम
- नहीं खिला भाजपा का 'कमल'
पंजाब में जीती कांग्रेस
पंजाब में कांग्रेस का एक बाद फिर दमखम दिखा है। भाजपा की उपलब्धि यह रही कि उसका वोट प्रतिशत 2019 के 9.63 प्रतिशत से बढ़कर 18.55 प्रतिशत हो गया है। 2019 के चुनाव में भाजपा ने होशियारपुर और गुरदासपुर की सीटें जीत ली थीं। भाजपा की दुर्गति के लिए प्रत्याशियों के गलत चयन को माना जा रहा है।
AAP को मिली निराशा
पंजाब से स्टार प्रचारक रहे मुख्यमंत्री भगवंत मान को उम्मीद थी कि तीन सौ यूनिट निशुल्क बिजली देने का उनका वादा वोट में बदल जाएगा, परंतु ऐसा नहीं हुआ। आप मात्र तीन सीटें जीत पाईं। मान ने अपने पांच मंत्रियों और चार विधायकों को मैदान में उतारा था, उनमें केवल एक मंत्री और एक विधायक ही जीत पाया। माना जा रहा है कि आप को कमजोर शासन का खामियाजा मिला है। संदेश साफ है कि केवल मुफ्त की रेवडि़यां देकर ही लोगों को पूरी तरह नहीं बांधा जा सकता।
कांग्रेस ने जीती 7 सीटें
कांग्रेस ने वर्ष 2019 में जीती आठ सीटों के मुकाबले इस बार सात सीटें जीती हैं। उसे एक सीट का घाटा हुआ है। दोबारा जमीन हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे शिरोमणि अकाली दल की प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल ने चौथी बार सीट हासिल की, लेकिन शिअद 10 सीटों पर जमानत गंवा बैठा। केवल अमृतसर और फिरोजपुर में ही उसके प्रत्याशी जमानत बचा सके।
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