पंजाब पुलिस ने ISI को जानकारी देने के आरोप में दो लोगों को किया गिरफ्तार
गुरदासपुर में सेना की जानकारी लीक करने वाले गिरफ्तार
पंजाब पुलिस ने गुरदासपुर के सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने आईएसआई को भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी लीक की थी। पुलिस ने उनके कब्जे से मोबाइल फोन और कारतूस बरामद किए हैं। यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से बचाने के प्रयास में की गई है।
पंजाब पुलिस ने एक बड़े जासूसी-विरोधी अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को लीक करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने दी। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान गुरदासपुर निवासी सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन और .30 बोर के आठ कारतूस भी बरामद किए हैं। डीजीपी यादव ने कहा कि गुरदासपुर में पुलिस ने इन दो लोगों को गिरफ्तार करके राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के प्रयास को विफल कर दिया है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित संवेदनशील सैन्य जानकारी उनके आईएसआई हैंडलर के साथ साझा की थी, जिसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेना की आवाजाही और प्रमुख रणनीतिक स्थानों की जानकारी शामिल थी।
पंजाब सरकार ने 31 पदों पर चेयरमैन-डायरेक्टर-मेंबर नियुक्त
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पुष्टि हुई है कि दोनों आरोपी आईएसआई के गुर्गों के सीधे संपर्क में थे और उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रसारित की थी।डीजीपी ने दोहराया कि पंजाब पुलिस भारतीय सेना के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की सुरक्षा को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का दृढ़तापूर्वक और तत्काल जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की जांच में और अधिक खुलासे होने की उम्मीद है। ऑपरेशन का ब्यौरा साझा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (गुरदासपुर) आदित्य ने कहा कि 15 मई को विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं से संकेत मिला था कि संदिग्ध सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह आईएसआई संचालकों के साथ रक्षा संबंधी गोपनीय जानकारियां साझा करने में लगे हुए थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों संदिग्धों पर निगरानी रखी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि उनके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से खुफिया सूचनाओं की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी मौद्रिक लाभ के बदले सैन्य रहस्यों को आगे बढ़ा रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, “जांच के दौरान यह भी पता चला कि वे पहले ड्रग तस्करी गतिविधियों में शामिल थे, जिसके माध्यम से वे आईएसआई संचालकों के संपर्क में आए। ऑनलाइन और नकद लेनदेन सहित उनके वित्तीय लेनदेन भी जांच के दायरे में आए।”