टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

Punjab: मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसरों की सेवा अवधि बढ़ी, अब 65 साल में होंगे रिटायर

मेडिकल प्रोफेसरों की रिटायरमेंट उम्र में बढ़ोतरी, अब 65 साल में होंगे सेवानिवृत्त

08:44 AM Apr 11, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

मेडिकल प्रोफेसरों की रिटायरमेंट उम्र में बढ़ोतरी, अब 65 साल में होंगे सेवानिवृत्त

पंजाब सरकार ने राज्य के मेडिकल और शहरी विकास क्षेत्रों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी है। गुरुवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये निर्णय लिए गए। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसरों की रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। उन्होंने कहा कि ये प्रोफेसर राज्य के लिए अमूल्य संपत्ति हैं, जो न केवल मरीजों का इलाज करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को चिकित्सा विज्ञान की गहराई से शिक्षा भी देते हैं। ऐसे में उनके अनुभव और योगदान को देखते हुए यह फैसला राज्य के स्वास्थ्य ढांचे के हित में है।

Advertisement

पंजाब सरकार का अहम कदम

चीमा ने कहा कि स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के लिए भी रिटायरमेंट की आयु में राहत दी गई है। पहले इनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 58 वर्ष निर्धारित थी, लेकिन अब उन्हें भी 65 साल तक कार्य करने की अनुमति होगी। हालांकि, 58 वर्ष की आयु पार करने के बाद ये डॉक्टर अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर कार्यरत रहेंगे। इस निर्णय का उद्देश्य राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निरंतर उपलब्धता को सुनिश्चित करना है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई कमी न आए।

वन टाइम सेटलमेंट योजना

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंजाब के नगर सुधार ट्रस्टों में ‘वन टाइम सेटलमेंट’ (ओटीएस) योजना लागू की जाएगी। मंत्री ने बताया कि यह योजना उन लोगों को राहत देने के उद्देश्य से लाई गई है, जिन्होंने वर्षों से बकाया राशि जमा नहीं की है। ओटीएस योजना से न केवल लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि सरकार को भी राजस्व संग्रह में मदद मिलेगी। चीमा ने बताया कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम उठाया गया है। इको सेंसिटिव जोन मीटर का दायरा तय किया गया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके।

Advertisement
Next Article