पंजाब ने रोका हरियाणा का पानी, कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने जताई नाराजगी
पंजाब सरकार की नीतियों पर कांग्रेस की नाराजगी
कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने पंजाब सरकार द्वारा हरियाणा का पानी रोके जाने पर कड़ा विरोध जताया और इसे हरियाणा का हक बताया। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया। साथ ही, उन्होंने भाजपा नेता मनीष सिंगला द्वारा डीएसपी से माफी मंगवाने की घटना की निंदा की, जिसे उन्होंने पुलिस का मनोबल गिराने वाला बताया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और थानेसर से विधायक अशोक अरोड़ा ने बुधवार को पंजाब सरकार की तरफ से हरियाणा का पानी रोके जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में इसे अपना हक बताया। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में हरियाणा का हरेक नेता प्रदेश सरकार के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि पंजाब की सरकार एक विफल सरकार रही है। यह सरकार जनता की उम्मीदों पर बिल्कुल भी खरी नहीं उतर पाई है। पंजाब की जनता इस सरकार की कार्यशैली से त्रस्त हो चुकी है। इसी को देखते हुए पंजाब सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है। सरकार को लग रहा है कि उन्हें कोई समझ नहीं पा रहा है, लेकिन यह उनकी गलतफहमी है। उन्हें हर कोई समझ रहा है।
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कांग्रेस नेता ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मांग की कि वह इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाएं और इस पर खुलकर चर्चा करें, ताकि जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके। इस समय हरियाणा का हर नेता, हर राजनीतिक दल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ है। हम नायब सिंह सैनी को यही कहेंगे कि वह जल्द से जल्द कोई कदम उठाएं।इसके अलावा, उन्होंने भाजपा नेता मनीष सिंगला के डीएसपी जितेंद्र सिंह राणा से माफी मंगवाने वाले वीडियो पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गलत है। इस तरह का व्यवहार हरियाणा पुलिस के साथ नहीं किया जाना चाहिए। निश्चित तौर पर इस तरह के व्यवहार से पुलिस का मनोबल गिरेगा।
आखिर उस डीएसपी का कसूर ही क्या था? वह तो बस मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में नियमों के अनुरूप अपना काम ही कर रहा था। लेकिन, जिस तरह से उसके काम में हस्तक्षेप कर उसे जलील किया गया, उससे माफी मंगवाई गई, उससे पुलिस का मनोबल गिरेगा और कार्यशैली में भी गिरावट आएगी। उन्होंने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। एक पुलिस अधिकारी सिर्फ अपनी ड्यूटी ही तो कर रहा है। मान लीजिए, अगर वह पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री के किसी कार्यक्रम में थोड़ी सी भी लापरवाही बरत दें, तो इसका क्या नतीजा सामने आ सकता है।