पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में जर्जर इंफ्रास्ट्रक्चर, सफाई ठेकेदार और प्रशासन पर उठे सवाल
Punjab University News: पंजाब यूनिवर्सिटी की इंफ्रास्ट्रक्चर और सफाई व्यवस्था इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। कैंपस के कई हिस्सों में गंदगी, टूटी सुविधाएँ और खराब रखरखाव के कारण छात्रों में निराशा बढ़ रही है। खास तौर पर STUCI (स्टूडेंट सेंटर) और गेट नंबर 2 के पास बने बाथरूम की स्थिति बेहद खराब पाई गई है।
Punjab University News: STUCI में टूटी सुविधाएँ और फैलती गंदगी

स्टूडेंट सेंटर, जहाँ रोजाना बड़ी संख्या में छात्र भोजन करते हैं, में पिछले कई महीनों से रखरखाव की भारी कमी देखी जा रही है। मौके पर देखी गई स्थितियों के अनुसार,
- कई वॉशबेसिन पूरी तरह टूट चुके हैं।
- पूरे परिसर में गुटखा, तंबाकू और खाने के रैपर बिखरे पड़े रहते हैं।
- दीवारों की पेंटिंग उखड़ चुकी है और जगह-जगह बदरंग पैच दिखाई देते हैं।
- लंबे समय से सफाई न होने के कारण बदबू और अस्वच्छता का माहौल बना हुआ है।
- छात्रों का कहना है कि यह जगह यूनिवर्सिटी की पहचान मानी जाती रही है, लेकिन वर्तमान स्थिति शर्मनाक है।
- गेट नंबर 2 के पास बाथरूम की दयनीय हालत
- गेट नंबर 2 के पास बने सार्वजनिक बाथरूम की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है।
- वॉशबेसिन में गुटखा थूका हुआ मिलता है।
- बाथरूम की नियमित सफाई बिल्कुल नहीं दिखती।
- नल और अन्य फिटिंग्स भी खराब अवस्था में हैं।
- इन हालातों को देखकर स्पष्ट है कि रखरखाव में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है।
Punjab News Today: सफाई और रखरखाव की जिम्मेदारी किसकी?

यूनिवर्सिटी स्रोतों के अनुसार कैंपस की सफाई और रखरखाव का कार्य एक निजी सफाई ठेकेदार कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी की जिम्मेदारी है कि नियमित सफाई करे, टूटे उपकरणों की सूचना प्रशासन को दे, कैंपस में स्वच्छता बनाए रखे लेकिन दोनों ही स्थानों पर जिस स्तर की गंदगी और खराब हालत देखी गई, उससे साफ है कि ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा। छात्रों ने यह भी बताया कि ठेकेदार के सुपरवाइजर अक्सर मौके पर मौजूद नहीं रहते और सफाई कर्मचारी मनमर्जी से काम करते हैं।
Punjab University: VC से संपर्क पर भी नहीं मिला जवाब

मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई। पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर से X फोन और ईमेल के माध्यम से संपर्क किया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिला। इस पर छात्रों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते ध्यान नहीं देगा, तो कैंपस की अन्य जगहों की स्थिति भी इसी तरह बदहाल होती जाएगी।

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