पुतिन नहीं रह सकते सत्ता में काबिज... बाइडन का बड़ा बयान, रूस बोला- अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं कर सकते तय!
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर जबरदस्त हमला बोला और पश्चिमी देशों से उदारवादी लोकतंत्र के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया।
11:45 AM Mar 27, 2022 IST | Desk Team
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर जबरदस्त हमला बोला और पश्चिमी देशों से उदारवादी लोकतंत्र के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया। यूरोप की चार दिवसीय यात्रा पर गए बाइडन ने विश्व के अन्य नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान पुतिन के बारे में कहा, ‘‘यह शख्स सत्ता में नहीं रह सकता।’’ बाइडन ने पहले पुतिन को ‘‘कसाई’’ कहा था, लेकिन बाद में व्हाइट हाउस ने इससे दूरी बनायी। वहीं, बाइडन के इस बयान के बाद उनके सहयोगी स्पष्ट कर रहे थे कि उन्होंने मास्को में सरकार में तत्काल बदलाव का आह्वान नहीं किया था।
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कौन सत्ता में रहेगा, कौन नहीं ये अमेरिका नहीं करेगा तय :रूस
क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बाइडन की निंदा करते हुए कहा, ‘‘ रूस में कौन सत्ता में रहेगा यह न तो अमेरिका के राष्ट्रपति तय करेंगे और न ही अमेरिकी लोग।’’ वारसॉ के प्रतिष्ठित रॉयल कैसल पहुंचने से पहले अपने लगभग 30 मिनट के भाषण में उन्होंने पश्चिमी सहयोगियों से ‘‘आजादी के लिए नयी लड़ाई’’ में एक कठिन डगर पर चलने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।
उन्होंने नाटो राष्ट्र के ‘‘एक इंच’’ क्षेत्र पर भी आक्रमण करने के खिलाफ पुतिन को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी। बाइडन ने शुक्रवार को पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा के साथ एक बैठक के दौरान कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि व्लादिमीर पुतिन नाटो को विभाजित करना चाहते थे। लेकिन वह ऐसा कर नहीं सकते हैं क्योंकि हम एकजुट हैं।’’
बाइडन ने पोलैंड में कही यह बात
पोलैंड में बाइडन ने ‘‘लोकतंत्र के लिए निरंतर संघर्ष’’ की बात करते हुए एक स्वतंत्र समाज में आवश्यक सिद्धांतों के साथ कानून के शासन और प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लेख किया। इस दौरान पोलैंड में उनके समकक्ष आंद्रेजेज डूडा और उनकी लॉ एंड जस्टिस पार्टी के सदस्य भी मौजूद थे। बाइडन ने अपने भाषण में पोलैंड के लोकतंत्र के लिए लंबे संघर्ष को याद किया। वारसॉ के रॉयल कैसल में उन्होंने पोलैंड के आजादी के लिए संघर्ष को याद किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मन सेनाओं के कब्जे के दौरान अधिकांश वारसॉ को नष्ट कर दिया गया था, जिसका बाद में पुननिर्माण किया गया था।
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