शर्मनाक! 40 मिनट का इंतजार नहीं सह पाए PAK पीएम, “गेट क्रैश” कर पुतिन से मिलने पहुंच गए शहबाज शरीफ
Putin Shehbaz Sharif Meeting: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर अपने व्यवहार के कारण चर्चा में हैं। वह तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल थे। शहबाज शरीफ पुतिन से मिलने को बेहद उत्सुक थे, लेकिन रूसी राष्ट्रपति की तरफ से उन्हें उतनी तवज्जो नहीं मिली।
Putin Shehbaz Sharif Meeting: पुतिन ने कराया 40 मिनट इंतजार
शहबाज शरीफ और पुतिन के बीच एक औपचारिक मुलाकात तय थी, लेकिन जब समय आया तो पुतिन ने उनसे मिलने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। बताया गया कि पुतिन और तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन पहले से बैठक में थे, और इसी वजह से शहबाज शरीफ को करीब 40 मिनट इंतजार करना पड़ा। इस दौरान शहबाज लगातार पुतिन से मिलने की कोशिश में लगे रहे।
❗️The Moment PM Sharif Gate-crashed Putin's Meeting With Erdogan After Waiting For 40 Mins https://t.co/r4L9XhA9IY pic.twitter.com/shi7YLMgmP
— RT_India (@RT_India_news) December 12, 2025
Shameful Act of Shehbaz Sharif: एर्दोगन की बैठक में घुसकर की मुलाकात
लंबा इंतजार करने के बाद भी जब पुतिन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो शहबाज शरीफ ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। उन्होंने एर्दोगन की चल रही बैठक में अचानक प्रवेश कर लिया और वहीं पुतिन से मुलाकात करने की कोशिश की। इसे कई लोग “गेट क्रैश” जैसा व्यवहार बता रहे हैं, जिसका मतलब है बिना बुलावे के किसी कार्यक्रम में प्रवेश करना। यह कूटनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ माना जाता है।

Shehbaz Sharif News: फोटो सेशन में भी हुई अनदेखी
कॉन्फ्रेंस के दौरान हुए फोटो सेशन में भी शहबाज शरीफ को पुतिन की ओर से अपेक्षित ध्यान नहीं मिला। शहबाज की जगह पुतिन के ठीक पीछे थी, लेकिन जब कैमरों के सामने लाइनिंग की बात आई तो पुतिन ने उन्हें लगभग नज़रअंदाज ही कर दिया। इस दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल भी हुआ।
पहले भी पुतिन कर चुके हैं अनदेखा
यह पहली बार नहीं है जब पुतिन ने शहबाज शरीफ को अनदेखा किया हो। कुछ महीने पहले एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे, वहां भी पुतिन ने शहबाज को खास अहमियत नहीं दी थी। उस समय शहबाज को खुद पुतिन से कहना पड़ा था कि, “आपके भारत से मजबूत रिश्ते हैं, लेकिन हम भी रूस से संबंध बढ़ाना चाहते हैं।”

पुतिन का तुर्कमेनिस्तान में भाषण
अंतरराष्ट्रीय शांति और विश्वास सम्मेलन के उद्घाटन में पुतिन ने तुर्कमेनिस्तान की तटस्थ नीति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में किसी देश के अंदरूनी मामलों में दखल न देना और हर देश की परंपराओं तथा विकास मॉडल का सम्मान करना बहुत जरूरी है। पुतिन ने आगे बताया कि रूस और तुर्कमेनिस्तान की रणनीतिक साझेदारी दुनिया के लिए मिसाल है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले साल 2025 में दोनों देशों के बीच ट्रेड, ऊर्जा और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में करीब 35 फीसदी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
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