'बिना रुकावट भारत को ईंधन सप्लाई करेगा रूस...', इंडिया में खड़े-खड़े ही पुतिन ने ट्रंप को दिखा दिया आईना!
Putin Statement on India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता कर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की जानकारी साझा की। पुतिन ने कहा कि उन्हें भारत में मिला गर्मजोशी भरा स्वागत बेहद खास है।
उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय नागरिकों को रूसी प्रतिनिधिमंडल का सम्मानपूर्वक स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया। पुतिन ने बताया कि भारत और रूस के बीच संवाद लगातार मजबूत हो रहा है और दोनों देश कई मौकों पर व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा करते रहते हैं।
Putin Statement on India: भारत को ऊर्जा आपूर्ति जारी रखने का आश्वासन
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में रूस हमेशा साझेदार बना रहेगा। उन्होंने बताया कि रूस तेल, गैस, कोयला और अन्य ऊर्जा संसाधनों की लगातार और स्थिर सप्लाई देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पुतिन के अनुसार रूस, भारत के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण में भी सहयोग कर रहा है। दोनों देश अपने व्यापार भुगतान को राष्ट्रीय मुद्राओं में करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिससे लगभग 96% लेनदेन स्थानीय मुद्राओं में ही हो रहा है। लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए।

India-Russia Talks: ऊर्जा और व्यापार क्षेत्र में गहरी साझेदारी
पुतिन ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन चुनौतियों की सूची साझा की है जिन पर दोनों सरकारें मिलकर काम करेंगी। इसमें भारत और यूरेशियन इकॉनमिक यूनियन के बीच संभावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल है। रूस का कहना है कि तेल, गैस और कोयले के क्षेत्र में दोनों देशों की साझेदारी बेहद सफल रही है और भविष्य में इसे और मजबूत किया जाएगा।
Putin India Energy Support: परमाणु ऊर्जा में बड़े प्रोजेक्ट
रूस भारत के कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट पर काम कर रहा है, जो देश का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जासंयंत्र है। छह रिएक्टरों में से दो पहले ही ग्रिड से जुड़ चुके हैं और बाकी चार निर्माणाधीन हैं। पुतिन ने बताया कि इसके पूरा होने पर भारत की बिजली उत्पादन क्षमता में बड़ा इजाफा होगा और उद्योगों व घरों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध होगी। दोनों देश छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर, फ्लोटिंग न्यूक्लियर प्लांट और चिकित्सा व कृषि क्षेत्रों में परमाणु तकनीक के उपयोग पर भी चर्चा कर रहे हैं।

रक्षा क्षेत्र में 50 साल की साझेदारी जारी
पुतिन ने कहा कि रूस पिछले 5 दशकों से भारतीय सेना के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। चाहे जंगी विमानों की बात हो, नौसेना उपकरणों की या अन्य रक्षा प्रणालियों की—भारत को हथियार और तकनीक उपलब्ध कराने में रूस हमेशा अग्रणी रहा है। उनका कहना है कि वर्तमान वार्ता के नतीजे दोनों देशों की रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेंगे।

द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोतरी
पिछले वर्ष भारत-रूस व्यापार में 12% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो लगभग 64 अरब डॉलर के आसपास रहा। उम्मीद है कि यह वृद्धि इस वर्ष भी बनी रहेगी। दोनों देशों का लक्ष्य है कि आने वाले समय में व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए। भारत मुख्य रूप से रूस से कच्चा तेल आयात करता है जबकि रूस भारत से दवाइयां, केमिकल, कपड़े, चाय, कॉफी, चावल और मसाले खरीदा करता है।

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