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क्वाड नेताओं ने हिंद-प्रशांत में समुद्री गतिविधियों की निगरानी के लिए पहल शुरू की

भारत समेत चार देशों के संगठन ‘क्वाड’ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये एक बड़ी नयी पहल शुरू की, जो साझेदार देशों को क्षेत्रीय जलक्षेत्रों की पूरी तरह से निगरानी करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

01:16 AM May 25, 2022 IST | Shera Rajput

भारत समेत चार देशों के संगठन ‘क्वाड’ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये एक बड़ी नयी पहल शुरू की, जो साझेदार देशों को क्षेत्रीय जलक्षेत्रों की पूरी तरह से निगरानी करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

क्वाड नेताओं ने हिंद प्रशांत में समुद्री गतिविधियों की निगरानी के लिए पहल शुरू की
भारत समेत चार देशों के संगठन ‘क्वाड’ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये एक बड़ी नयी पहल शुरू की, जो साझेदार देशों को क्षेत्रीय जलक्षेत्रों की पूरी तरह से निगरानी करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी। साथ ही क्वाड ने अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र के लिए 50 अरब अमेरिकी डालर से अधिक की बुनियादी ढांचा सहायता की घोषणा की है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समूह एक रचनात्मक एजेंडा लेकर चल रहा है और लोकतांत्रिक ताकतों को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है।
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हिंद-प्रशांत में समुद्री गतिविधियों की निगरानी के लिए पहल शुरू की
तोक्यो में हुए दूसरे प्रत्यक्ष क्वाड सम्मेलन के अंत में हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरुकता (आईपीएमडीए) पहल शुरू करने और वित्तीय सहायता की घोषणा की गई। यह घोषणा क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी को लेकर वैश्चिक चिंताओं के बीच की गई है।
शिखर सम्मेलन में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें हिंद-प्रशांत में समग्र स्थिति, यूक्रेन में संकट और खाद्य सुरक्षा पर इसका प्रभाव, ऊर्जा की कीमतें और क्वाड इस क्षेत्र में दबाव की चुनौतियों का सामना कैसे कर सकता है।
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शिखर सम्मेलन में टेलीविजन पर अपने उद्घाटन भाषण में, मोदी ने कहा कि क्वाड हिंद-प्रशांत के लिए एक रचनात्मक एजेंडा लेकर चल रहा है और यह चार देशों के समूह की छवि को ‘‘भलाई के लिए बल’’ के रूप में और मजबूत करेगा।
विचार-विमर्श में, क्वाड के नेताओं, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं, ने यूक्रेन में संघर्ष और जारी दुखद मानवीय संकट पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाओं पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत के लिए इसके प्रभावों का आकलन किया।
मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की मौजूदगी में कहा, ‘‘इतने कम समय में क्वाड ने विश्व मंच पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। आज क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है और प्रारूप प्रभावी हो गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा आपसी विश्वास, हमारा दृढ़ संकल्प, लोकतांत्रिक ताकतों को नयी ऊर्जा और उत्साह दे रहा है। क्वाड स्तर पर हमारा आपसी सहयोग एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है।’’
यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ PM मोदी ने  कोई टिप्पणी नहीं की
हालांकि बाइडन और किशिदा ने यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, लेकिन मोदी ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
कुछ घंटे बाद एक मीडिया ब्रीफिंग में, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि यूक्रेन पर भारत की स्थिति की ‘‘सामान्य और अच्छी प्रशंसा’’ हुई है और नेताओं ने उन समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया है जो खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक के क्षेत्रों में संकट पैदा कर चुके हैं।
यूक्रेन की स्थिति पर, मोदी ने संकट को हल करने, शत्रुता को समाप्त करने और बातचीत एवं कूटनीति को फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर भारत की सुसंगत और सैद्धांतिक स्थिति पर प्रकाश डाला।
चारों नेताओं के संयुक्त बयान में कहा गया है कि आईपीएमडीए हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों और हिंद महासागर, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह में क्षेत्रीय सूचना समेकन केंद्रों के परामर्श और समर्थन से काम करेगा। इसके जरिये साझा समुद्री क्षेत्र जागरुकता में मदद के लिए प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।
नेताओं ने एक स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और इस क्षेत्र के लिए ”ठोस परिणाम देने के मकसद से अथक प्रयास” करने का संकल्प लिया।
संयुक्त बयान में कहा गया है, ”आईपीएमडीए ठोस परिणामों की दिशा में संयुक्त प्रयासों को उत्प्रेरित करने के क्वाड के मकसद को पूरा करेगा, जिससे क्षेत्र को और अधिक स्थिर और समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी।”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों से संबंधित कार्यों के तहत क्वाड की तरफ से ‘महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखला को लेकर सिद्धांतों का सामान्य विवरण’ पेश किया गया है।
नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) को लेकर क्वाड भागीदारी कायम करने की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सहयोग को और मजबूत करना है।
व्हाइट हाउस ‘फैक्ट शीट’ के अनुसार, आईपीएमडीए जल्द से जल्द तथा वास्तविक समय पर एकीकृत व प्रभावी” समुद्री क्षेत्र जागरूकता तस्वीर पेश करेगा। साथ ही यह जलवायु और मानवीय घटनाओं से निपटने सहित कई मामलों में प्रशांत द्वीप समूह, दक्षिण पूर्वी एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भागीदार देशों की क्षमता में बदलाव लाएगा। इससे ‘‘खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के रुख को बल मिलेगा।’’
इसने कहा कि नयी पहल ‘डार्क शिपिंग’ और अन्य सामरिक स्तर की गतिविधियों पर नज़र रखने की अनुमति देगी।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि क्वाड नेताओं ने अंतर को पाटने के लिए सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिहाज से भागीदारों और क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
क्वाड अगले पांच वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की बुनियादी ढांचा सहायता
इसमें कहा गया, ‘‘इसे प्राप्त करने के लिए, क्वाड अगले पांच वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की बुनियादी ढांचा सहायता और हिंद-प्रशांत में निवेश का विस्तार करने की कोशिश करेगा।’’
क्वाड ने जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों और अंतरिक्ष क्षेत्र के क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने की भी संकल्प लिया और क्षेत्रों के लिए कई नयी पहल की घोषणा की।
महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों से संबंधित चल रहे कार्य के हिस्से के रूप में, समूह ने क्वाड के ‘महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर सिद्धांतों का सामान्य विवरण’ भी शुरू किया।
नेताओं ने हिंद-प्रशांत में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पर क्वाड साझेदारी की स्थापना की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सहयोग को और मजबूत करना है।
अपनी टिप्पणी में, मोदी ने कोविड-19 महामारी के बावजूद क्वाड देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, हमने टीके के वितरण, जलवायु कार्रवाई, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, आपदा प्रतिक्रिया और आर्थिक सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में आपसी समन्वय बढ़ाया है। यह हिंद-प्रशांत में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित कर रहा है।’’
बाइडन ने कोविड-19 से मुकाबले में क्वाड के महत्व, आपूर्ति श्रृंखलाओं में भागीदारी के बारे में बात की, लेकिन उनकी अधिकांश टिप्पणी यूक्रेन में युद्ध पर केंद्रित थी। बाइडन ने कहा, ‘‘हम अपने साझा इतिहास में एक काले समय से गुजर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर और अकारण युद्ध ने मानवीय तबाही मचा दी है और निर्दोष नागरिकों को सड़कों पर ला दिया है और लाखों शरणार्थी आंतरिक रूप से विस्थापित होने के साथ-साथ निर्वासित भी हुए हैं।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति सिर्फ एक यूरोपीय मुद्दे से ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक वैश्विक मुद्दा है।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नेताओं ने एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहरायी और संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व को दोहराया।
किशिदा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए और अपने चुनाव के तुरंत बाद बैठक में आने के लिए अल्बानीज़ को धन्यवाद देते हुए शिखर सम्मेलन की शुरुआत की।
जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वाड नेताओं के लिए ‘‘एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत’’ के लिहाज से ‘‘दृढ़ प्रतिबद्धता’’ बनाने के लिए एक साथ आना महत्वपूर्ण है।
क्षेत्र के लिए अपनी दीर्घकालिक दृष्टि के अनुरूप, बाइडन ने सोमवार को महत्वाकांक्षी इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) शुरू किया, जो समान विचारधारा वाले देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन और डिजिटल व्यापार सहयोग जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य वाली एक पहल है।
प्रधानमंत्री ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा और रचनात्मक समाधान खोजने का भी आह्वान किया।
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