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Shubman Gill की कप्तानी पर उठे सवाल, पहली हार के बाद Virat Kohli से हुई तुलना

04:27 PM Jun 25, 2025 IST | Nishant Poonia

भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, और इसके बाद कप्तान Shubman Gill की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। इंग्लैंड को आखिरी दिन जीत के लिए 350 रनों की ज़रूरत थी, लेकिन उन्होंने इसे बेहद आसानी से हासिल कर लिया। ये टेस्ट इतिहास में इंग्लैंड का दूसरा सबसे बड़ा रन चेज़ है।

संजय मांजरेकर का बयान
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने Shubman Gill की कप्तानी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गिल का फील्ड सेटअप बहुत रक्षात्मक था। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि शुभमन शुरू से इंग्लैंड को रोकने के बजाय सिर्फ बाउंड्री बचाने की सोच रहे थे। इससे विपक्ष पर दबाव नहीं बन पाया।” मांजरेकर ने ये भी कहा कि गिल शायद इंग्लैंड को फंसाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इस दौरान उन्होंने आक्रामक गेंदबाज़ों को भी पीछे खींच लिया। “कई बार कप्तानों को शुरुआत में थोड़ा अटैक करना चाहिए, ताकि सामने वाली टीम को झटका लगे,” उन्होंने जोड़ा।

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कोहली से तुलना
संजय मांजरेकर ने इस मौके पर विराट कोहली का ज़िक्र करते हुए कहा, “अगर विराट कोहली कप्तान होते तो शायद कहते कि हमारे पास रन हैं और मैं तुम्हें टी ब्रेक से पहले ऑलआउट कर दूंगा। कोहली कभी रक्षात्मक रणनीति नहीं अपनाते, चाहे हालात कैसे भी हों।” उन्होंने साफ किया कि शुभमन के पास वैसे अनुभवी गेंदबाज़ नहीं हैं जैसे कोहली के पास बुमराह, शमी और ईशांत थे। इसके बावजूद शुरुआत में जडेजा और तेज़ गेंदबाज़ों के साथ अटैकिंग फील्डिंग लगाई जा सकती थी।

इंग्लैंड की शानदार बल्लेबाज़ी
मैच के आखिरी दिन इंग्लैंड के ओपनर्स बेन डकेट और ज़ैक क्रॉली ने बेहतरीन शुरुआत की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 188 रन जोड़ दिए। डकेट ने 149 और क्रॉली ने 65 रन बनाए। ये चौथी पारी में टेस्ट इतिहास की पांचवीं सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी रही। भारत ने लंच के बाद कुछ मौके बनाए। प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर को 3-3 विकेट मिले, और रविंद्र जडेजा ने बेन स्टोक्स को आउट किया। लेकिन जो रूट (53*) और जैमी स्मिथ (44*) ने कोई गलती नहीं की और इंग्लैंड को जीत दिला दी।

छूटे मौके और बड़ी कीमत
भारत को मैच में कई मौके भी मिले लेकिन वे चूक गए। यशस्वी जायसवाल ने डकेट का कैच छोड़ा जब वह 97 पर थे। वहीं क्रॉली का भी एक मौका बुमराह से छूटा। इंग्लैंड ने इन गलतियों का पूरा फायदा उठाया और एक मजबूत जीत दर्ज की। ये मुकाबला टेस्ट इतिहास में उन कुछ चुनिंदा मैचों में से एक रहा जिसमें चारों पारियों में 350 से ज़्यादा रन बने। ब्रेंडन मैक्कुलम के कोचिंग में इंग्लैंड ने एक बार फिर दिखा दिया कि उनका ‘बैज़बॉल’ अब सिर्फ तेज़ खेलने की रणनीति नहीं, बल्कि सोच-समझकर बनाई गई योजना है, जो किसी भी परिस्थिति में कारगर साबित हो सकती है।

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