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Radha Ashtami Vrat 2025: राधा अष्टमी इस तरह करें राधा रानी की पूजा, जानें व्रत के नियम और संपूर्ण विधि

05:39 PM Aug 30, 2025 IST | Shweta Rajput
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Radha Ashtami Vrat 2025

Radha Ashtami Vrat 2025: हिंदू धर्म में Radha Ashtami काफी महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त और उनकी प्रेमिका श्री राधा रानी का जन्मोत्सव राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी के जन्मोत्सव की पूजा पूरे देश में धूमधाम से की जाती है। इस खास दिन का बरसाना में काफी बड़ा महत्व है, क्योंकि बरसाना में ही लाडली जू ने जन्म लिया था।

राधा अष्टमी पर जो कोई भी नियमपूर्वक व्रत करता है और राधा रानी की पूजा करता हैं उसके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और राधा रानी के साथ-साथ श्री कृष्ण की कृपा मिलती है। इस बार राधा रानी जन्मोत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाए इसकी तेयारी हर जगह बड़ी ही जोरृशोर से चल रही है। इस बार राधा-रानी का जन्मोत्सव 31 अगस्त के दिन मनाया जाने वाला है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन राधा रानी की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और भक्त पर राधा रानी की असीम कृपा बनी रहती है। हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर राधा रानी का अवतरण हुआ था, इसलिए इसे राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत की विधि और पूजा विधि क्या है।

Radha Ashtami Vrat Vidhi: जानें राधा अष्टमी की संपूर्ण व्रत विधि

Radha Ashtami
Radha Ashtami

सनातन धर्म में राधा रानी को श्रीकृष्ण से पहले पूजा जाता है। उनकी कृपा के बिना श्रीकृष्ण की कृपा पाना असंभव है। सनातन धर्म में राधा अष्टमी का काफी बड़ा महत्व है। इस दिन व्रत करने से राधा रानी प्रसन्न होती हैं और जीवन से सारे दुख दूर होते हैं। इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से जीवनभर समृद्धि और सुख साधक को प्राप्त होती है।

राधा अष्टमी पर पूजा के लिए सबसे पहले आप सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें। इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और वहां राधाकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद प्रतिमा के सामने देसी घी का दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें। इसके बाद श्री राधा रानी और भगवान कृष्ण को फूल, बांसुरी और भोग अर्पित करें।

इसके बाद व्रत का संकल्प लें और राधा रानी के 108 नामों का जप करें और सुख-समृद्धि की कामना करें। इसके बाद पूरे दिन व्रत का पालन करें और पारण के समय पूजा करें इसके बाद ही व्रत का पारण करें।

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Radha Ashtami Ka Mahatav: जानें राधा अष्टमी का क्यों है इतना महत्व

Radha Ashtami Ka Mahatav
Radha Ashtami Ka Mahatav

राधा अष्टमी का व्रत करने से भक्त पर राधा रानी की असीम कृपा बनी रहती है। इस दिन किया गया व्रत काफी महत्व रखता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन राधा रानी की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह पावन पर्व जन्माष्टमी पर्व के ठीक 15 दिनों बाद यानि 31 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।

राधा अष्टमी का सच्चे मन से व्रत और पूजन करने से साधक को राधा और कृष्ण दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इतना ही नहीं भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में दुखों से छुटकारा मिलता है। राधा रानी प्रेम की देवी हैं। उनकी पूजा सच्चे मन से करने से वैवाहिक जीवन में भी खुशहाली बनी रहती है।

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Radha Ashtami Ka Shubh Mahurat: राधा अष्टमी पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

Radha Ashtami Ka Shubh Mahurat
Radha Ashtami Ka Shubh Mahurat

हिंदू पंचांग के अनुसर इस बार राधा अष्टमी की तिथि की शुरुआत यानी भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि 30 अगस्त 2025 की रात 10:46 बजे से प्रारंभ होकर 01 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 12:57 बजे तक होगी। इसके साथ ही राधा अष्टमी का पावन पर्व उदया तिथि के अनुसार 31 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन ही साधक व्रत रख सकते हैं।

राधा रानी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त प्रात:काल 11:05 से लेकर दोपहर 01:38 बजे तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में भक्त राधा रानी की पूजा कर सकते हैं। भक्तों को इस साल राधा रानी की पूजा करने के लिए तकरीबन ढाई घंटे का समय मिलेगा।

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