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राधा अष्टमी पर इन 5 आरतियों से करें वृषभानु दुलारी का गुणगान, भगवान कृष्ण की मिलेगी विशेष कृपा

04:27 PM Aug 31, 2025 IST | Amit Kumar
राधा अष्टमी पर इन 5 आरतियों से करें वृषभानु दुलारी का गुणगान  भगवान कृष्ण की मिलेगी विशेष कृपा
Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। यह दिन श्री राधा रानी के प्रकट होने का शुभ दिन माना जाता है। राधा रानी को कृष्ण जी की अर्धांगिनी और भक्ति की प्रतीक माना जाता है।

Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi: गाएं ये 5 आरती

इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और दोपहर के समय उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। साल 2025 में राधा अष्टमी 31 अगस्त को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक रहेगा। इस दौरान राधा जी की आरती और स्तुति करने का विशेष फल बताया गया है।

Radha Rani Aarti Lyrics

1-राधा रानी की आरती

राधारानी तेरी आरती गाऊं,
भानु दुलारी तेरी आरती गाऊं।
तेरे चरणों में वारि वारि जाऊं,
प्रेम से तुझको नित नित ध्याऊं॥

बरसाने वाली प्यारी श्यामा,
कृष्ण की तू सच्ची संगिनी।
तू लाडली ब्रज की रानी,
तेरी महिमा सबसे न्यारी॥

श्याम सुन्दर के संग सदा तू,
भक्ति की मूरत प्यारी।
तेरा नाम जपें सभी भगत,
"राधे राधे" सुनाई दे सारी॥

Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi
Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

Shri Radha Aarti

2-आरती श्री वृषभानु सुतारूपी राधा जी की

आरती श्री वृषभानुसुता की,
सुंदर मूर्ति मोहक ममता की।
तीनों लोकों के दुख हरने वाली,
ज्ञान और भक्ति फैलाने वाली॥

श्याम संग लीलाएं करतीं,
ललिता जैसी सखियों की सखी।
तू प्रेम का सागर है राधे,
सदा हमारे ह्रदय में बसी॥

श्री राधा रानी की आरती

आरती श्री राधे की, शुभ चरनन की।
कंचन थार कपूर बाती, हरि आये राधे रति॥

श्री राधे राधे जपो चले आएंगे बिहारी।
राधे राधे रटते-रटते, बन जाओगे सँवारी॥

चमक रही उर माला राधे, सिर मुकुट बृज डारी।
प्यारी लागे राधा रानी, ब्रज की श्रीकृष्ण प्यारी॥

ललिता संग सुगंगी राधा, रस की मधुशाला।
श्याम रंग में रंगी राधा, रूप मुरलीवाला॥

भक्त वत्सला श्री राधा, करुणा बहाए।
जिस पे हो जाएं रीझी, जीवन सफल बनाए॥

राधा नाम बड़ा रस वाला, सब दुख दूर भगाए।
जपे जो प्रेम से राधे राधे, वो वृन्दावन धाए॥

राधा रानी ब्रज की रानी, राधा प्यारी-प्यारी।
जो भजता राधे-श्याम को, हो जीवन सुधारी॥

श्री राधे की आरती, जो कोई जन गावे।
कहत "नंददास" यह सुख पावे, मनवांछित फल पावे॥

Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi
Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

3-आरती श्री राधे की

आरती श्री राधे की, करें सभी ब्रजवासी।
जयति जयति जय राधे, राधे राधे प्यारी।।

चम्पक सी द्युति छवि राधा, तन मन मोहति प्यारी।
श्याम संग रास रचावै, रसिकन की महतारी।।
आरती श्री राधे की...

वृषभानु नंदिनी श्री राधा, कृष्ण प्राणन प्यारी।
ललिता सखी सखी संग राजत, लाजत वनवारी।।
आरती श्री राधे की...

भक्तन पर अति कृपा करत, सेवा करत सँवारी।
सदा बसे वृंदावन बीच, बन बन डोलत नारी।।
आरती श्री राधे की...

मोर मुकुट सिर ऊपर शोभित, कनक किरीट सँवारी।
कुंज गली में बिहरत राधा, कृष्ण करे सेवकाई।।
आरती श्री राधे की...

तन मन धन अर्पण करि दूं, चरणन में बलिहारी।
श्याम बिना राधा अधूरी, राधा बिना बिहारी।।
आरती श्री राधे की...

Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi
Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

4-वृंदावन की राधा रानी आरती

आरती श्री राधा रानी की,
श्याम प्यारे की महारानी की।।

जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे,
जय श्री राधे, जय श्री राधे।।

चरणों में जिनके श्याम विराजे,
बिन राधा के श्याम न राजे।
स्वर्ण सिंहासन, रजत छत्र सोहे,
मोर मुकुट सिर, तिलक विराजे।।

आरती श्री राधा रानी की...

गले में वैजयंती माला,
हाथों में कंजक वृषभानु बाला।
नेत्रों में काजल, मुख पर मुस्कान,
श्याम रस रचयो जिनसे ब्रजधान।।

आरती श्री राधा रानी की...

सखियाँ सेवा में सदा लागी,
बरसाने की रानी अनुरागी।
तन-मन अर्पण चरणों में वारें,
भक्त व्रजवासी गुण गान उचारें।।

आरती श्री राधा रानी की...

बिना राधा नाम अधूरा,
राधा संग श्याम भी पूरा।
राधे राधे जपते रहिए,
श्याम सदा पास में रहिए।।

आरती श्री राधा रानी की...

Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi
Radha Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

5- राधा रानी की पारंपरिक आरती, “आरती श्री वृषभानुसुता की…”

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनी,
विमल विवेकविराग विकासिनी ।

पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनी,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।

अविरल प्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।

आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पत्ति समता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।

जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

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Amit Kumar

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