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राज्यसभा में राघव चड्ढा ने उठाया दिल्ली प्रदूषण का मुद्दा, पराली जलाने पर की चर्चा

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी कमी

10:46 AM Dec 03, 2024 IST | Aastha Paswan

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी कमी

राघव चड्ढा ने राज्यसभा में उठाया प्रदूषण और पराली का मुद्दा

हर साल सर्दियां शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाती है। प्रदुषण के साथ ही शुरू होती है सियासत। इस बीच, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मंगलवार को राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि हम AI की तो बहुत बात करते हैं, लेकिन AQI की बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण आज भागलपुर, भिवानी, मुजफ्फरनगर, हापुड़, नोएडा, विदिशा, आगरा, फरीदाबाद जैसे कई इलाकों में है, लेकिन प्रदूषण का सारा दोष देश के किसानों के ऊपर मढ़ा जाता है।

किसानों को ले कर क्या बोले राघव चड्डा

उन्होंने कहा, “मैं आज देश के किसानों की बात उठाना चाहता हूं। IIT ने बताया है कि पराली जलाना प्रदूषण का सिर्फ एक कारण है, लेकिन यह वायु प्रदूषण का इकलौता कारण नहीं है।” उन्होंने कहा कि पूरा साल तो हम कहते हैं कि किसान हमारा अन्नदाता है, लेकिन जैसे ही नवंबर का महीना आता है, तो हम कहने लगते हैं कि किसान पर जुर्माना लगाया जाए। किसान मजबूरी में पराली जलाते हैं।

पंजाब को ले कर क्या बोले

राघव चड्ढा ने कहा, “राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पराली जलाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी से अधिक की कमी देखी गई। पंजाबियों की खुराक चावल नहीं है, देश की आवश्यकता पूरी करने के लिए पंजाब ने धान की खेती की। इससे हमारा नुकसान हुआ है, जलस्तर नीचे चला गया। धान की फसल काटने के बाद जो पराली बचती है उसे हटाने के लिए केवल 10 से 12 दिन होते हैं, क्योंकि अगली फसल बोनी होती है। मशीनों से पराली निकलने पर प्रति एकड़ 2 से 3 हजार रुपये का खर्च आता है, इसलिए किसान को मजबूरन पराली जलानी पड़ती है।”

केंद्र सरकार से की अपील

राघव चड्ढा ने कहा, “इसके लिए मैं एक समाधान लेकर आया हूं। पराली हटाने के लिए केंद्र सरकार किसानों को प्रति एकड़ 2,000 रुपये की मदद दे और राज्य सरकार इसमें 500 रुपये की मदद देगी, तो इस समस्या का अल्पकालीन समाधान निकाला जा सकता है।

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