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रायबरेली से सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को मानहानि मामले में सुल्तानपुर की MP/MLA कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट के समक्ष राहुल गांधी ने अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें फंसाया गया है। राहुल शुक्रवार सुबह सुल्तानपुर पहुंचे और यहां की सांसद-विधायक अदालत में पेश हुए, जहां उनका बयान दर्ज किया गया। विशेष न्यायाधीश शुभम वर्मा ने मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए राहुल को 26 जुलाई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 12 अगस्त को तय की है। कांग्रेस नेता राहुल की पेशी के मद्देनजर दीवानी न्यायालय में सुरक्षा घेरा सख्त कर दिया गया था। राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि वो संसद की कार्यवाही छोड़कर न्यायालय में पेश हुए हैं। उन्होंने कोर्ट में अपना बयान दर्ज करा दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, उनसे मैं इनकार करता हूं। मेरी और मेरी पार्टी की छवि को खराब करने के लिए झूठा मुकदमा मेरे खिलाफ दर्ज किया गया है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की है।\
याचिकाकर्ता के वकील संतोष पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोर्ट के सामने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रंजिश के चलते मेरे खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ साक्ष्य पेश करने के लिए कहा है। तय तारीख को कोर्ट के समक्ष गवाही प्रस्तुत की जाएगी। संतोष पाण्डेय ने बताया कि राहुल गांधी को मामले की सुनवाई के अंतिम चरण में कोर्ट के सामने पेश होना पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता विजय मिश्र ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बेंगलुरु में 2018 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए चार अगस्त 2018 को मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
अधिवक्ता के अनुसार, परिवाद में आरोप है कि 15 जुलाई 2018 को पार्टी कार्यकर्ता अनिरुद्ध शुक्ल व दिनेश कुमार ने अपने मोबाइल पर एक वीडियो क्लिप दिखाया था। इसमें राहुल गांधी अमित शाह को हत्यारा कह रहे थे। उनका यह बयान जस्टिस लोया की मृत्यु से संबंधित था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अमित शाह को क्लीन चिट दे दी गई थी। परिवादी व दो गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर राहुल गांधी को विशेष मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने आईपीसी की धारा 500 के तहत सुनवाई के लिए तलब किया तो उन्होंने 20 फरवरी को न्यायालय में पेश होकर जमानत करा ली थी। उन्हें पेशी तिथि पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी गई है। हालांकि, आरोपों पर जवाब देने के लिए मौजूद रहना पड़ेगा। वहीं भाजपा नेता और इस मामले में मुकदमा वादी विजय मिश्रा ने राहुल गांधी की राजनीतिक रंजिश वाले बयान को नकार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि राजनीतिक रंजिश के चलते उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जो कि बिल्कुल गलत है। उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को हत्यारा कहा था जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था।