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राहुल गांधी तुष्टीकरण की नीति के तहत सावरकर का करते हैं अपमान, लेकिन वो भारत की आत्मा : पीयूष गोयल

04:36 AM Oct 07, 2024 IST | Shera Rajput

मुंबई मलाड लिबर्टी गार्डन के पास केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया।
वीर सावरकर भारत की आत्मा के साथ जुड़े हुए हैं - पीयूष गोयल
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि, वीर सावरकर भारत की आत्मा के साथ जुड़े हुए हैं। वो भारत के गौरव हैं। उनका तप और त्याग करोड़ों देशभक्तों के लिए प्रेरणास्रोत है। मुझे आज वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, ये मेरे लिए गौरव की बात है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिस तरह से वीर सावरकर को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, क्या उनके सहयोगी दल के नेता उनके इस बयान से सहमत हैं। इसका जवाब महाराष्ट्र और देश की जनता को उन्हें देना चाहिए।
राहुल गांधी सोची समझी तुष्टीकरण की नीति के तहत वीर सावरकर का अपमान करते हैं - गोयल
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सोची समझी तुष्टीकरण की नीति के तहत वीर सावरकर का अपमान करते हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, नाना पटोले, वर्षा गायकवाड़, शरद पवार को यह बताना चाहिए कि क्या वे राहुल गांधी के इस वक्तव्य के साथ खुद को जोड़ते हैं या इसकी निंदा करते हैं।
दिनेश गुंडू राव ने एक कार्यक्रम में वीर सावरकर को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की
दरअसल बीते दिनों कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने एक कार्यक्रम में वीर सावरकर को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। मंत्री ने सावरकर के संबंध में दावा किया था कि वे एक ब्राह्मण थे, फिर भी मांसाहारी थे। इतना ही नहीं उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना के मुकाबले सावरकर को ज्यादा कट्टरपंथी बताया।
राव ने बयान में कहा था वीर सावरकर एक ब्राह्मण थे लेकि वह बीफ खाते थे
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि, वीर सावरकर एक ब्राह्मण थे, लेकिन वह मांसाहारी थे और बीफ खाते थे। उन्होंने कभी गाय के वध का विरोध नहीं किया। इस विषय पर उनकी सोच काफी आधुनिक थी। उनके विचार एक तरह से कट्टरपंथी थे, जबकि दूसरी तरफ वह आधुनिकता को अपनाते थे। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि वह एक ब्राह्मण होने के नाते खुलकर मांस खाते थे और इसका प्रचार करते थे।

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