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केरल के वन्यजीव अभयारण्य के पास बफर जोन को लेकर राहुल गांधी का लेफ्ट सरकार पर निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार पर वायनाड वन्यजीव अभयारण्य की सीमा के पास ‘बफर जोन’ पर उसके ‘‘रुख’’ को लेकर मंगलवार को निशाना साधा।

07:57 PM Feb 23, 2021 IST | Ujjwal Jain

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार पर वायनाड वन्यजीव अभयारण्य की सीमा के पास ‘बफर जोन’ पर उसके ‘‘रुख’’ को लेकर मंगलवार को निशाना साधा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार पर वायनाड वन्यजीव अभयारण्य की सीमा के पास ‘बफर जोन’ पर उसके ‘‘रुख’’ को लेकर मंगलवार को निशाना साधा और कहा कि यह उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की आजीविका को खतरे में डाल रहा है। 
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वायनाड से सांसद गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य सरकार का बफर जोन पर रुख वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के आसपास के लोगों की आजीविका को खतरे में डाल रहा है। सरकार का यह कदम इन परिश्रमी लोगों को अनिश्चितता और पीड़ा वाले अंधकारमय भविष्य की ओर धकेल रहा है। सुधारात्मक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है।’’ 
गांधी ने मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा समाप्त किया। राज्य के वन मंत्री के. राजू ने गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘बफर जोन’ पर निर्णय केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा निर्धारित किया जाता है। 
मंत्री ने कहा कि नयी दिल्ली में रहने वाले गांधी को मंत्रालय को यह जरूरी सुझाव देना चाहिए कि वह पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र को अधिसूचित करने के दौरान वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के आसपास घनी आबादी वाले क्षेत्रों को बाहर रखे। 
राजू का ध्यान जब राहुल गांधी के ट्वीट की ओर आकर्षित किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले पर यह केंद्र सरकार निर्णय लेती है। हमने मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह ‘बफर जोन’ को अधिसूचित करने के दौरान आबादी वाले क्षेत्रों को बाहर रखे।’’ 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का पहले का सुझाव सीमा से लगे शून्य से 1 किलोमीटर का ‘बफर जोन’ बनाने का था लेकिन बाद में संशोधित सुझाव भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों को बाहर रखा जाना चाहिए। 
छह फरवरी को गांधी ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों द्वारा इस मुद्दे पर उठायी गई चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया था। 
मंत्रालय ने 28 जनवरी को जारी अपने मसौदा अधिसूचना में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य की सीमा से लगे 0 से 3.4 किमी तक के क्षेत्र को पर्यावरण रूप से संवेदनशील क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने का प्रस्ताव किया था। 
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने मसौदा अधिसूचना को लेकर वायनाड के लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की है। 
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