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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि एक महीने पहले कांग्रेस पार्टी के सारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए। अगर किसी परिवार के बैंक अकाउंट फ्रीज करेंगे तो वह भूखा मर जाएगा। यह कांग्रेस पार्टी के साथ किया गया लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। आज हम रेलवे टिकट नहीं खरीद सकते, हम अपने नेताओं को एक जगह से दूसरे जगह नहीं भेज सकते।
कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते करीब एक महीने पहले फ्रीज कर दिए गए।
कांग्रेस को देश की 20% जनता वोट देती है, लेकिन आज हम रेल टिकट नहीं खरीद सकते, हम विज्ञापन नहीं दे सकते।
14 लाख रुपए का मामला है और 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है, जिसपर ज्यादा से ज्यादा 10 हजार का… pic.twitter.com/s7yrkYkS53
— Congress (@INCIndia) March 21, 2024
Highlights
वहीं इसे लेकर काग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव घोषित हो चुके हैं। लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष रूप से कराया जाए। चुनावों में सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मुहैया कराया जाए। ईडी, आईटी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों पर किसी का भी नियंत्रण नहीं होना चाहिए। पिछले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनावी बॉन्ड का जो डेटा सबके सामने आया है, उससे देश की छवि को नुकसान हुआ है।
BJP के इस खतरनाक खेल के दूरगामी प्रभाव होंगे।
इस तरह किसी राजनीतिक दल को असहाय बनाकर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते।
BJP चाहती है कि एकतरफा चुनाव हों, लेकिन जनता सब देख रही है। हमारे बैंक खाते खोले जानें चाहिए ताकि लेवल प्लेयिंग फील्ड के साथ चुनाव हो सकें।
— Congress (@INCIndia) March 21, 2024
उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने गैर-कानूनी और असंवैधानिक करार दिया है। उस योजना के तहत मौजूदा सत्ताधारी पार्टी ने अपने खाते करोड़ों-अरबों रुपये से भर लिए। दूसरी ओर साजिश के तहत मुख्य विपक्षी दल के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, ताकि पैसे के अभाव में चुनाव लड़ने में समान अवसर न मिले। यह सत्ताधारी दल का खतरनाक खेल है, जिसका दूरगामी असर होगा। अगर इस देश में लोकतंत्र को बचाना है, तो एक समान अवसर होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं यह नहीं बताना चाहता कि भाजपा ने कुछ कंपनियों से पैसे कैसे लिए? चूंकि, सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है, मुझे उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही हमारे सामने होगी। मैं संवैधानिक संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं, तो उन्हें हमें अपने बैंक खातों का इस्तेमाल करने दें। हमें स्वतंत्र रूप से हमारे पैसों तक पहुंचने दिया जाए। कोई भी राजनीतिक दल आयकर के दायरे में नहीं आता है। फिर भी हम पर ऐसे शिकंजा कसने की कोशिश हो रही है।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इस मुद्दे का असर सिर्फ कांग्रेस पर ही नहीं पड़ रहा है, बल्कि इसका असर हमारे लोकतंत्र को भी मौलिक रूप से पड़ता है। प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के खाते में जनता से इकट्ठा किया गया पैसा है। हमारे खातों से पैसे जबरदस्ती छीने जा रहे हैं। हालांकि, इन सब चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हम अपने चुनाव अभियान को जोर-शोर से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ चुनावी बॉन्ड का मुद्दा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक करार दे चुका है। चुनावी बॉन्ड से भाजपा को भारी लाभ हुआ। दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की वित्तीय स्थिति को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। हम सभी का मानना है कि यह अलोकतांत्रिक है।