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दादर ईस्ट के हनुमान मंदिर पर रेलवे का नोटिस, शिवसेना ने किया विरोध

दादर ईस्ट के हनुमान मंदिर को लेकर एक नया विवाद उभर आया…

08:24 AM Dec 14, 2024 IST | Shera Rajput

दादर ईस्ट के हनुमान मंदिर को लेकर एक नया विवाद उभर आया…

मुंबई के दादर रेलवे ईस्ट स्टेशन के पास स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर को लेकर एक नया विवाद उभर आया है। केंद्रीय रेलवे प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि यह मंदिर अवैध रूप से निर्मित है, क्योंकि यह जमीन रेलवे की है। इस नोटिस के बाद सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। इस विवाद के बीच शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे हनुमान जी की आरती करने के लिए मंदिर पहुंचे हैं।

शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के समर्थकों का जमावड़ा

आदित्य ठाकरे के मंदिर पहुंचने से पहले ही शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के समर्थकों का जमावड़ा मंदिर के बाहर लग गया था। ठीक उसी समय बीजेपी नेता किरीट सोमैया भी हनुमान मंदिर पहुंचकर दर्शन करने और हनुमान जी का आशीर्वाद लेने पहुंचे। मंदिर के बाहर उपस्थित उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने किरीट सोमैया का विरोध करना शुरू कर दिया। जैसे ही भीड़ बढ़ी, पुलिस ने किरीट सोमैया को भारी सुरक्षा घेरे में वहां से निकाला।

चुनावी मौसम में राजनीति

मंदिर के बाहर मौजूद शिवसेना (यूबीटी) के समर्थकों से बातचीत की। सूफी मोहम्मद शेख ने बताया कि किरीट सोमैया का विरोध इसलिए किया गया क्योंकि वे चुनावी मौसम में राजनीति कर रहे थे। उन्होंने मंदिर को राजनीति का हिस्सा बना दिया और ठाकरे परिवार के खिलाफ गलत बयानबाजी की। शेख का कहना था कि जब सोमैया मंदिर में दर्शन करने गए थे तो उन्हें राजनीति से बचते हुए सिर झुकाकर आशीर्वाद लेना चाहिए था, लेकिन उन्होंने उल्टा बयान दिया, जिससे विरोध बढ़ा।

बीजेपी को मंदिर में आने की कोई जरूरत नहीं

एक अन्य समर्थक ने कहा कि कीरीट सोमैया और उनकी पार्टी बीजेपी को मंदिर में आने की कोई जरूरत नहीं थी। यह मंदिर 80 साल पुराना है और हम इसे किसी भी सूरत में नहीं हटने देंगे। यह पूरा विवाद चुनावी ड्रामा है क्योंकि मुंबई महानगर पालिका के चुनाव करीब हैं। उनका दावा था कि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की विचारधारा से वे कभी समझौता नहीं करेंगे और मंदिर की रक्षा के लिए अपनी जान भी देने को तैयार हैं।

इस विवाद को सिर्फ बीजेपी बना रही है राजनीति का विषय

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि इस विवाद को सिर्फ बीजेपी राजनीति का विषय बना रही है, जबकि उनके लिए यह अस्मिता और श्रद्धा का मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हमेशा हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करती रही है। सावंत ने कहा कि यह मंदिर 80 साल पुराना है और रेलवे का नोटिस कोई सामान्य मुद्दा नहीं है। यह नोटिस केंद्र सरकार के विभाग से दिया गया है, जो हिंदुत्व की बात करती है।

हनुमान जी की शक्तियों के सामने किसी की औकात नहीं

शिवसेना के नेता आनंद दुबे ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या सरकार हनुमान जी और हिंदुत्व के खिलाफ नहीं जा सकती। हनुमान जी की शक्तियों के सामने किसी की औकात नहीं है। जो लोग उनके खिलाफ उठते हैं, उनका अंत इतिहास में दुखद रहा है। दुबे ने ठाकरे परिवार के कदमों का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कभी हिंदुत्व को नहीं छोड़ा है, बल्कि भाजपा को छोड़ा है। उनका कहना था कि हनुमान चालीसा का पाठ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप विपक्ष द्वारा गलत तरीके से लगाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ठाकरे परिवार हमेशा हिंदुत्व के झंडे के नीचे चलता रहेगा और भगवान और उनकी भक्ति के खिलाफ कोई साजिश सफल नहीं हो सकती।

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