जम्मू-दिल्ली रेलमार्ग को लेकर रेलवे का बड़ा अपडेट, चक्की पुल रेल परिचालन के लिए पूर्णता सुरक्षित
जम्मू: हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दावा किया गया है कि कांगड़ा में जम्मू-दिल्ली रेलमार्ग पर पुल की नींव का एक बड़ा हिस्सा बह गया, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई। यह सूचित किया जाता है कि पठानकोट-जलंधर कैंट मार्ग पर पठानकोट कैंट-कंदरोड़ी स्टेशनों के बीच चक्की रेलवे पुल पर 20.07.2025 और 21.07.2025 को अचानक बाढ़ आई और जलस्तर बढ़ गया। उत्तर रेलवे ने 01.08.2024 से ही पुल पर 20 किमी प्रति घंटे की गति सीमा लागू कर रखी है।
चक्की पुल को लेकर रेलवे ने दी अहम जानकारी
उक्त पुल पर रेल परिचालन से संबंधित किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कोई संभावना नहीं है। पुल रेल परिचालन के लिए सुरक्षित है। यह भी बताया गया है कि मीडिया में जिस पुल की नींव बह जाने की खबर आई है, वह वास्तव में ढलान पर लगी अतिरिक्त क्लैडिंग थी। यह गैर-जरूरी हिस्सा 21.07.25 को अचानक आई बाढ़ से तेज़ बहाव के कारण टूटकर नदी में गिर गया। आईआईटी रुड़की के सुझावों के अनुसार, पुल का संरक्षा कार्य चल रहा है और ढलान पर मौजूद गैर-जरूरी हिस्से को हटाया जाना था।
चौकीदारों द्वारा पुल की कड़ी निगरानी
इस गैर-जरूरी हिस्से से रेल परिचालन में संरक्षा प्रभावित नहीं हुई। 22.07.25 को मुख्य पुल इंजीनियर ने चक्की रेलवे पुल का निरीक्षण किया, जहाँ पिछले दिन अचानक बाढ़ आई थी। पुल पर चौबीसों घंटे तैनात चौकीदारों द्वारा कड़ी निगरानी की जा रही है, साथ ही पुल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। सूखे की स्थिति समाप्त होने और नदी का जलस्तर कम होने पर पाइल फ़ाउंडेशन का काम फिर से शुरू किया जाएगा।