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पूर्वोत्तर में बारिश का कहर, सैलाब ने ली 36 लोगों की जान, लाखों लोग बेघर

भूस्खलन और बाढ़ से पूर्वोत्तर में जनजीवन अस्त-व्यस्त

09:25 AM Jun 03, 2025 IST | Neha Singh

भूस्खलन और बाढ़ से पूर्वोत्तर में जनजीवन अस्त-व्यस्त

पूर्वोत्तर में बारिश का कहर  सैलाब ने ली 36 लोगों की जान  लाखों लोग बेघर

पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश ने तबाही मचाई है, जिससे 36 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। असम में 132 सालों का बारिश का रिकॉर्ड टूट गया है। भूस्खलन और बाढ़ ने जन जीवन को प्रभावित किया है, जिसमें 15 नदियां उफान पर हैं। राहत कार्य जारी है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।

पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश का कहर जारी है। बाढ़ ने जन जीवन बर्बाद कर दिया है। लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। भूस्खलन के कारण 36 लोग अब तक जान गंवा चुके हैं। भूस्खलन के कारण असम में सबसे अधिक 11 लोगों की जान गई है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 10, मेघालय में छह, मिजोरम में पांच, सिक्किम में तीन और त्रिपुरा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। असम में बारिश का 132 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है। वहीं क्षेत्र के कई राज्यों में 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 15 नदियां उफान पर हैं। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि सिक्किम के छतेन में एक सैन्य शिविर के भूस्खलन की चपेट में आने की वजह से तीन सैनिकों की मौत हो गई, जबकि छह सैनिक लापता है।

मणिपुर में 19 हजार लोग प्रभावित

मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण आई बाढ़ से 3,365 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। लोगों को प्रभावित इलाकों से निकाल कर राहत शिविरों में पहुंचाया है। ये राहत शिविर मुख्य रूप से इंफाल पूर्वी जिले में बनाए गए हैं। इंफाल पूर्वी जिले के हीगांग, वांगखेई और खुरई विधानसभा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इनके अलावा सेनापति जिला भी बाढ़ से प्रभावित है।

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असम सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक लखीमपुर जिले का दौरा किया और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मौसम विभाग ने कहा है कि असम में ज्यादातर जगहों पर औसत बारिश होने की उम्मीद है, जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।

रिकॉर्ड तोड़ हो रही बारिश

पूर्वोत्तर में भारी बारिश कोई नई बात नहीं है। यहां की जलवायु ऐसी है कि यहां मानसून की बारिश खूब होती रही है। हालांकि, अब यह जरूरत से ज्यादा हो रही है। भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन इन राज्यों में आपदा के रूप में कहर बरपा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और अवैध खनन है। असम में तो बारिश का 132 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है।

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Neha Singh

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