"मुंबई के समंदर में डुबा-डुबा कर मारेंगे", निशिकांत दुबे को राज ठाकरे की खुली चेतावनी
मुंबई : महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद एक बार फिर उबाल पर है। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान के जवाब में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने तीखा पलटवार किया है। शुक्रवार को मुंबई के मीरा रोड में आयोजित एक जनसभा में ठाकरे ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, "दुबे, तू मुंबई आ जा... समंदर में डुबा-डुबा कर मारेंगे।"
पिछली बयानबाज़ी से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, हाल ही में निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे के एक पुराने बयान “मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ” पर पलटवार करते हुए कहा था कि अगर ठाकरे में हिम्मत है तो बिहार, यूपी या तमिलनाडु जाकर दिखाएं – "वहां पटक-पटक कर मारे जाएंगे।" इसी बयान ने राज्य में भाषा को लेकर बहस और तनाव को और हवा दे दी।
हिंदी में बात की, इसलिए पीटा गया
मीरा रोड में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा एक दुकानदार की पिटाई का जिक्र करते हुए राज ठाकरे ने कहा, “वह आदमी पानी खरीदने के बाद भी हिंदी में बात कर रहा था। उसकी मस्ती की वजह से उसे महाराष्ट्र की स्टाइल में जवाब मिला और वो सही हुआ।” ठाकरे ने साफ कहा कि जो महाराष्ट्र में रहना चाहते हैं, उन्हें मराठी बोलनी सीखनी पड़ेगी। उन्होंने चेतावनी दी, “हमें किसी से झगड़ा नहीं है, लेकिन मस्ती करोगे तो मराठी में जवाब जरूर मिलेगा।”
मराठी भाषा की प्रतिष्ठा पर आक्रामक रुख
राज ठाकरे ने सभा में कहा कि मराठी भाषा का इतिहास ढाई से तीन हजार साल पुराना है, जबकि हिंदी एक मिश्रित और अपेक्षाकृत नई भाषा है। उन्होंने कहा, “अगर मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने के लिए 1500 साल का इतिहास चाहिए, तो हिंदी को ये दर्जा पाने में अभी 1200 साल और लगेंगे।” राज ठाकरे ने यह भी कहा कि हिंदी देश में किसी की मातृभाषा नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक रूप से बनाई गई भाषा है जिसने अब तक 250 से अधिक भाषाओं को निगल लिया है।
सीएम फडणवीस पर भी हमला
मनसे प्रमुख ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि फडणवीस हिंदी को स्कूलों में अनिवार्य करना चाहते हैं, जबकि मराठी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “क्या नाम है उनका... देवेंद्र फडणवीस। हिंदी को अनिवार्य करने की बात कर रहे हैं। पहले से पांचवीं तक हिंदी अनिवार्य करने की कोशिश करके तो दिखाओ, दुकान में चाय बंद करवा देंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ गुजराती व्यापारी और नेता महाराष्ट्र में भाषाई भेदभाव फैलाने की साजिश कर रहे हैं।
“सरकार हमलावरों को बचा रही है”
राज ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि निशिकांत दुबे के विवादास्पद बयान को राष्ट्रीय मीडिया में नहीं दिखाया गया और सरकार उन्हें बचा रही है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार सड़क पर है, अगर किसी ने मराठी का अपमान किया तो उसके गाल और हमारे हाथ का मिलन जरूर होगा।” गौरतलब है कि मीरा रोड में कुछ दिन पहले एक दुकानदार की मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा पिटाई की गई थी, जिस पर हिंदी में बात करने का आरोप था। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया और मनसे के खिलाफ तथा समर्थन में दो बड़े मोर्चे निकाले गए।