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राजस्थान मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंजूरी दी

राजस्थान मंत्रिमंडल ने शनिवार को धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य जबरन धर्मांतरण पर अंकुश लगाना है।

02:24 AM Dec 01, 2024 IST | Samiksha Somvanshi

राजस्थान मंत्रिमंडल ने शनिवार को धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य जबरन धर्मांतरण पर अंकुश लगाना है।

धर्मांतरण कराने पर 1 से 5 साल तक की कैद

यह विधेयक अब आगामी संसदीय सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल में पेश किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा के अनुसार, विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर लगाम लगाने के लिए 1 से 5 साल तक की कैद सहित कठोर दंड का प्रस्ताव है। बैरवा ने संवाददाताओं से कहा, “लोगों को उनके धर्म परिवर्तन के लिए बहलाया गया, जबकि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। हमने अन्य राज्यों की इसी तरह की नीतियों का भी विश्लेषण किया है। हमने दंड को तदनुसार वर्गीकृत किया है, ताकि जबरन धर्मांतरण को रोका जा सके।” मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक किसी भी व्यक्ति या संस्था को भ्रामक सूचना, धोखाधड़ी, बल या अनुचित प्रभाव के माध्यम से किसी का धर्म परिवर्तन करने से रोकेगा।

राजस्थान सरकार अवैध धर्म परिवर्तन को रोकेगी

राजस्थान सरकार अवैध धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कार्यालय में आज हुई कैबिनेट बैठक में प्रलोभन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन के प्रयासों को रोकने के लिए विधानसभा में ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2024’ पेश करने का निर्णय लिया गया। शर्मा ने कहा, “प्रस्तावित विधेयक किसी भी व्यक्ति या संस्था को भ्रामक सूचना, धोखाधड़ी, बल या अनुचित प्रभाव के माध्यम से किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करने से रोकेगा।

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जानिए जोगाराम पटेल ने इस मुद्दे पर कहा ?

यदि कोई व्यक्ति अवैध धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय को ऐसे विवाह को अमान्य घोषित करने का अधिकार होगा।” राजस्थान के विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कैबिनेट में लिए गए निर्णय प्रदेश में विकास, जन कल्याण और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करेंगे। उन्होंने लिखा, “ये निर्णय प्रदेश में विकास, जनकल्याण और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करेंगे। राजस्थान को देश का अग्रणी और समृद्ध राज्य बनाने के इस संकल्प में हम सभी का सहयोग और समर्पण आवश्यक है। आइए, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक उत्थान के साथ उभरते राजस्थान के इस अभियान में हम अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।”

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