Rajasthan: खुदखुशी का प्रतीक बनता जा रहा KOTA, 5 महीने में 14 छात्रों ने मौत को लगाया गले
कोटा में बढ़ती खुदखुशी की घटनाएं, बेरोजगारी बनी वजह
राजस्थान के कोटा में आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे यह शहर खुदखुशी का प्रतीक बनता जा रहा है। हाल ही में उज्ज्वल गुप्ता ने बेरोजगारी और अवसाद के चलते आत्महत्या कर ली। कोटा में पिछले 5 महीने में 14 छात्रों ने आत्महत्या की है, जिससे शहर में बेरोजगारी और सामाजिक दबाव के मुद्दे पर चिंतन की आवश्यकता है।
Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में छात्रों द्वारा खुदखुशी करने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. इस दौरान ताजा मामला कोटा के लक्ष्मण विहार कॉलोनी से सामने आया है, जहां 25 वर्षीय उज्ज्वल गुप्ता ने बेरोजगारी और अवसाद के चलते आत्महत्या कर ली है. उज्ज्वल बी.टेक ग्रेजुएट था. वहीं लंबे समय से नौकरी की तलाश कर रहा था. मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने उज्ज्वल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं मामले की गहनता से जांच की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामले में सर्किल इंस्पेक्टर अरविंद भारद्वाज ने बताया कि उज्ज्वल गुप्ता ने 17 और 18 मई की दरम्यानी रात अपने घर के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. इस दौरान परिवार वालों ने जब रात करीब 2 बजे कमरे का दरवाजा खुला पाया, तो उज्ज्वल पंखे से लटका हुआ था. ऐसे में तुरंत उसे पास के अस्पताल ले जय गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.
क्या बोले मृतक के परिवार वाले?
इस बीच मृतक परिजनों से बातचीत में सामने आया है कि उज्ज्वल गुप्ता पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से बेहद परेशान था. उसने कुछ साल पहले बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) की डिग्री हासिल की थी. वह सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था. उज्ज्वल के पिता कोटा थर्मल पावर प्लांट में सहायक इंजीनियर हैं. उन्होंने बताया कि उनका बेटा लगातार नौकरी के प्रयास में असफल हो रहा था, जिससे वह अवसाद में था.
परिजनों ने आगे बताया कि उसके कई दोस्तों को नौकरी मिल गई थी, लेकिन उज्ज्वल को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी. इसी बात ने उसे अंदर से झकजोर के रख दिया था और वह गहरे डिप्रेशन में चला गया था.
पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
वहीं पुलिस ने उज्जवल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 194 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मामले के बारे में गहनता से पता चलेगा.
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अब खुदकुशी के लिए जाना जा रहा कोटा
बता दें कोटा देशभर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के मशहूर है, लेकिन अब यह शहर खुदकुशी के लिए जाना जा रहा है. हर साल यहां दर्जनों युवा आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं, जिनकी जड़ में बेरोजगारी, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक दबाव है. इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शैक्षणिक योग्यता और डिग्री होने के बावजूद रोजगार नहीं मिलने से युवा परेशान है.
5 महीने,14 खुदखुशी के मामले
इस दौरान बीते 5 महीने में कोटा से खुदकुशी के 14 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं साल 2024 में कोटा में कुल 19 छात्रों ने आत्महत्या की थी. साल 2023 की बात करें तो 29 छात्रों ने मौत कजो गले लगाने का काम किया था. ऐसे मामलों को रोकने के लिए पुलिस ने कई कदम उठाए हैं. इसके लिए हॉस्टल के कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाई गई हैं. इसके अलावा छात्रों के लिए एक हेल्प्लाइन नंबर भी जारी किया गया है, जिससे छात्र प्रशासन से बात कर सकते हैं.