हनुमानगढ़ नगर परिषद को पांच लाख रूपये का हर्जाना देने के आदेश
राजस्थान में हनुमानगढ़ के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने आवारा पशुओं की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत होने पर नगर परिषद को पांच लाख रुपये हर्जाना पीड़ति पक्ष को देने के आदेश दिये हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतपाल वर्मा ने हनुमानगढ़ नगर परिषद को कृष्णलाल नरूला की मौत का जिम्मेदार माना। उन्होंने कल सुनाये निर्णय में आवारा पशुओं की समस्याओं को मानव सुरक्षा के लिये गम्भीर मानते हुए कहा है कि यह समस्या कमोबेश हर शहर में है जहां आवारा सांड,गाय तथा अन्य जानवर सड़कों पर विचरण करते हैं।
इनको पकड़ने और इनकी सारसम्भाल का दायित्व राज्य सरकार और नगर परिषद का है। नगर परिषद का यह वैधानिक एवं नैतिक दायित्व है कि वह समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया कराने और मानवीय गरिमा के साथ रहने के लिये आवारा पशुओं एवं खतरनाक साडों को पकड़कर रखें।
मामले के अनुसार दो दिसम्बर 2015 को कृष्णलाल नरुला हनुमानगढ़ टाऊन में रावतसर मार्ग पर चुंगी नाके के पास से गुजर रहा था कि वहां लड़ रहे दो साडों की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गये। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। नरुला की पत्नी ने हनुमानगढ़ नगर परिषद के खिलाफ मुआवजे का वाद दायर कर दिया। न्यायाधीश श्री वर्मा ने उसकी पत्नी के हक में फैसला सुनाते हुए हनुमानगढ़ नगर परिषद को पांच लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित चुकाने के आदेश दिये। पीड़ति की ओर से अधिवक्ता शंकरलाल सोनी ने निशुल्क पैरवी की।