राजस्थान में बड़े प्रशासनिक फेरबदल : 22 IAS और 58 IPS अधिकारियों का हुआ तबादला
राजस्थान : राजस्थान सरकार ने रविवार देर शाम एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल का निर्णय लिया, जिसमें 22 आईएएस और 58 आईपीएस अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों की घोषणा की गई। यह निर्णय राज्य प्रशासन में नई ऊर्जा और कार्यक्षमता लाने के लिए लिया गया है।
Highlight :
- राजस्थान में 22 IAS और 58 IPS अधिकारियों के तबादले
- राजस्थान पुलिस विभाग में भी महत्वपूर्ण फेरबदल किया गया
- इस निर्णय का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों की गति को बढ़ाना है
राजस्थान में 22 IAS और 58 IPS अधिकारियों का तबादला
सरकार द्वारा जारी की गई सूचनाओं के अनुसार, आईएएस अधिकारियों की सूची में प्रमुख बदलाव शामिल हैं। आईएएस हेमंत गेरा को ग्रामीण कृषि विकास एजेंसी (रुद्रा) के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसी प्रकार, आईएएस रवि जैन को राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। आईएएस एच. गुइटे को जयपुर में अल्पसंख्यक मामलात विभाग के निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
इसके अलावा, महेंद्र खड़गावत को ब्यावर का कलेक्टर नियुक्त किया गया है, जबकि भवानी सिंह देथा को अजमेर में राजस्व मंडल के सदस्य पद से हटाकर आयुर्वेद विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। आईएएस डॉ. टी. शुभमंगला को जोधपुर उत्तर नगर निगम आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, जिससे उनके प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाया जाएगा।
राजस्थान पुलिस विभाग में भी महत्वपूर्ण फेरबदल
साथ ही, राजस्थान पुलिस विभाग में भी महत्वपूर्ण फेरबदल किया गया है। 58 आईपीएस अधिकारियों के तबादलों की सूची में गोविंद गुप्ता को एडीजी पुलिस प्लानिंग से डीजी जेल बनाया गया है, जो उनकी नई जिम्मेदारी को दर्शाता है। अतिरिक्त आयुक्त (यातायात एवं प्रशासन) प्रीति चंद्रा को पुलिस मुख्यालय में प्रशिक्षण प्रभाग में स्थानांतरित किया गया है, और उनकी जगह डीआईजी योगेश दाधीच यातायात एवं प्रशासन का कार्यभार संभालेंगे।
इस फेरबदल में नरेंद्र सिंह और धर्मेंद्र सिंह को क्रमश: अलवर और जीआरपी अजमेर का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। चार आईपीएस अधिकारियों को उनकी वर्तमान जिम्मेदारियों के अलावा अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है, जो उनके कुशल प्रबंधन कौशल पर विश्वास को दर्शाता है।
सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं में सुधार लाना है
बता दें कि, राजस्थान सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों की गति को बढ़ाना और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार लाना है। अधिकारियों की नई नियुक्तियां और तबादले यह संकेत देते हैं कि सरकार विकासात्मक कार्यों को प्राथमिकता दे रही है और अधिकारियों की क्षमता का सही उपयोग कर रही है। राजस्थान में प्रशासनिक सुधारों के इस क्रम को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि नए नियुक्त अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतर परिणाम देने में सफल होंगे और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
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