India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

ED की बड़ी कार्रवाई, जल जीवन मिशन घोटाले में एक और संदिग्ध गिरफ्तार

08:28 AM Jul 18, 2024 IST
Advertisement

Rajasthan: ED ने जल जीवन मिशन(जेजेएम) घोटाले में पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को गिरफ्तार किया है। बता दें कि बड़ाया पर इस मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने का आरोप है। बड़ाया से ईडी के जयपुर कार्यालय में पूछताछ की जा रही है। इस घोटाले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धाराओं के तहत यह चौथी गिरफ्तारी की है।

घोटाले में एक और संदिग्ध गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में केंद्र की जल जीवन मिशन (JJM) योजना के कार्यान्वयन से जुड़ी अपनी चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बिचौलिए संजय बड़ाया को गिरफ्तार किया है। ईडी की जयपुर जोनल ऑफिस स्थित इकाई ने पूछताछ के बाद मंगलवार देर रात बड़ाया को गिरफ्तार किया, क्योंकि जांच के दौरान जेजेएम घोटाले में बिचौलिए के रूप में उसकी भूमिका स्थापित हुई थी।

20,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

यह इस मामले में चौथी गिरफ्तारी है, जो हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की पहल में कथित 20,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के इर्द-गिर्द केंद्रित है। ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपनी जांच करते हुए जयपुर में कई छापे मारे थे, जिसमें एक आईएएस अधिकारी के आवास पर भी छापेमारी की गई थी।

निविदाओं और ठेकों में इस्तेमाल करने में भी सामने आई

इस साल 19 जून को संघीय एजेंसी ने मामले से जुड़े तीसरे आरोपी महेश मित्तल को गिरफ्तार किया था। मामले में आगे की जानकारी मिलने पर श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक मित्तल को भी गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के अनुसार, बदया और मित्तल अन्य लोगों के साथ मिलकर लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (PHD) से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत करवाने और उनके द्वारा किए गए कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को रिश्वत देने में शामिल थे। दोनों आरोपियों की भूमिका हरियाणा से चोरी का माल खरीदकर उसे अपने निविदाओं और ठेकों में इस्तेमाल करने में भी सामने आई।



भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

ईडी ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, जयपुर द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें कहा गया था कि मित्तल वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों को रिश्वत देकर इरकॉन द्वारा जारी किए गए कथित फर्जी और मनगढ़ंत कार्य पूर्णता प्रमाण पत्रों के आधार पर जेजेएम कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में भी शामिल थे। ईडी की जांच में यह भी पता चला कि बदया और मित्तल दोनों ही मुख्य आरोपियों में से हैं और उन्हें अपराध की आय प्राप्त हुई है। ईडी के अनुसार, आरोपियों के नाम पर रखे गए विभिन्न बैंक खातों और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर संस्थाओं के माध्यम से धन शोधन किया गया और उसे आगे अचल और चल संपत्तियों में निवेश करके निकाला गया। ईडी ने इस मामले में कई तलाशी ली हैं, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 11.03 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। इसके अलावा, ईडी ने इसी मामले में 29 फरवरी को पीयूष जैन और 13 जून को पदमचंद जैन को भी गिरफ्तार किया था।

(Input From ANI)

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article